-केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में गुरुवार को वर्चुअल बैठक हुई। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नैनीताल क्लब से वर्चुअल बैठक में जुड़े।
प्राकृतिक कृषि एवं डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन से संबंधित कार्यक्रम को लेकर केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में गुरुवार वर्चुअल बैठक हुई। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नैनीताल क्लब से वर्चुअल बैठक में जुड़े। बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों व कृषि मंत्रियों ने वर्चुअल प्रतिभाग किया।
नैनीताल से वर्चुअल कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्राकृतिक कृषि से जुड़ी संभावनाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मंथन किया जा रहा है। इस मंथन से ऐसा अमृत प्राप्त होगा जो जैविक कृषि के क्षेत्र में संभावनाओं के नए द्वार खोलने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक दृष्टि से परम्परागत कृषि के लिए उपयुक्त राज्य है। उत्तराखण्ड जैव विविधताओं वाला प्रदेश है। जैव विविधता के कारण उत्तराखण्ड में जड़ी-बूटी और सुगन्धित पौध आदि के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं, जिस पर राज्य सरकार काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान पर्वतीय अंचल में प्रचलित परम्परागत कृषि में आधुनिक तकनीकी ज्ञान का समावेश कर भूमि की उत्पादकता और फसलों के उत्पादन में वृद्धि कर रहे हैं। किसानों के प्रयासों को सरकार के स्तर से सहयोग कर किसानों की आय और उनके जीवन स्तर में परिवर्तन लाया जा सकता है। राज्य सरकार की कोशिश है कि जैविक कृषि करने वाले किसानों के लिए व्यापारिक संभावनाओं को बढ़ाया जाए ताकि अधिक से अधिक किसान जैविक कृषि अपनाकर आर्थिकी सशक्त करें।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष 10 करोड़ की प्रावधान
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश की कुल कृषि योग्य भूमि में से 2.17 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल को जैविक कृषि के अंतर्गत आच्छादित किया गया है। यह क्षेत्रफल कुल कृषि भूमि का 34 प्रतिशत है। ‘आत्म निर्भर प्राकृतिक किसान योजना के तहत राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष 10 करोड़ की प्रावधान है। इसके अलावा 5 करोड़ रुपए से प्राकृतिक कृषि नमामि गंगा कॉरिडोर शुरू कर रहा है। इस योजना से गंगा तट पर 5 किमी की परिधि में प्राकृतिक कृषि के लिए प्रोत्साहन दिया जायेगा। प्राकृतिक कृषि उत्पाद की मार्केटिंग के लिए 2 डेडिकेटेड एफपीओ का गठन किया जा रहा है। यह सहकारिता विभाग करेगा। इसके साथ ही प्राकृतिक खेती के सभी पहलुओं को बढ़ावा देने के लिए आत्म निर्भर प्राकृतिक किसान बोर्ड का गठन किया जा रहा है। बेहतर उत्पादन के लिए गोवर्धन की योजना को प्राकृतिक कृषि योजना के साथ एकीकृत किया जा रहा है।
प्राकृतिक कृषि पर विश्वविद्यालयों में शुरू होगा पाठ्यक्रम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के दोनों कृषि विश्वविद्यालयों में प्राकृतिक कृषि पाठ्यक्रम भी शुरू किया जा रहा है। प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए राज्य के सभी जनपदों में किसानों को प्राकृतिक कृषि विषयक प्रशिक्षण कराया गया है। इसके साथ ही किसानों के लिए विशेष कार्यशालाओं का भी आयोजन किया जा रहा है। उन्हें जैविक कृषि को लेकर बनी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में प्राकृतिक कृषि उत्पादों की मांग बढ़ रही है। राज्य सरकार का प्रयास है कि इसका अधिक से अधिक लाभ राज्य के किसानों को मिले।
इस अवसर पर विधायक सरिता आर्य, राम सिंह कैडा, जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, जिला अध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, सचिव डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम, डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, एसएसपी पंकज भट्ट, मुख्य विकास अधिकारी डॉ संदीप तिवारी, अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी, शिवचरण द्विवेदी आदि मौजूद थे।
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