-इस बार उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा में 48 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं फेल हुए हैं। 12वीं में 19 हजार से अधिक और 10वीं में 28 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं फेल हुए। इसे देखते हुए अधिकतम दो विषयों में फेल छात्र-छात्राओं को अंक सुधार का मौका दिया जाने पर सरकार विचार कर रही है।
उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं व 12वीं की परीक्षा में अधिकतम दो विषयों में फेल छात्र-छात्राओं को सरकार पास होने का मौका देगी। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि इसके लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। सरकार इस व्यवस्था को अगले शिक्षा सत्र से लागू कर सकती है।
इस साल बोर्ड परीक्षा में 48 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं फेल हुए हैं। उत्तराखंड बोर्ड का 10वीं का वर्ष 2021 का परीक्षाफल 99 प्रतिशत रहा। जबकि, इस साल परीक्षाफल 77.47 प्रतिशत रहा। 28 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं 10वीं में फेल हुए। 12वीं की परीक्षा का रिजल्ट पिछले साल 99.71 प्रतिशत रहा। जबकि, इस साल परीक्षाफल 82.63 प्रतिशत रहा है। 12वीं में 19 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं फेल हो गए।
शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि 10वीं या 12वीं में फेल होने के बाद कई छात्र-छात्राएं पढ़ाई छोड़ रहे हैं। सरकार 10वीं और 12वीं में फेल छात्र-छात्राओं को पास होने का मौका देना चाहती है। इस तरह की व्यवस्था पूर्व में थी। लेकिन, बाद में इसे बंद कर दिया गया। सरकार चाहती है कि अधिकतम दो विषयों में फेल छात्र-छात्राओं को अंक सुधार का मौका दिया जाए।
फेल छात्रों के लिए यूपी के समय फिर से परीक्षा की व्यवस्था गई थी। लेकिन, उत्तराखंड में इस व्यवस्था को बंद कर दिया गया था। अब फिर इसका प्रस्ताव तैयार किया गया है। अगले शिक्षा सत्र से इस व्यवस्था को लागू किया जा सकता है। बोर्ड परीक्षा में अधिकतम दो विषयों में फेल छात्र-छात्राओं को आठ अंक का ग्रेस दिया जाता है।
बृजमोहन रावत, उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर (उत्तराखंड बोर्ड)
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