-शिव सेना के संविधान के मुताबिक पार्टी का मुखिया शिवसेना प्रमुख कहलाएगा। इसका चुनाव प्रतिनिधि सभा के सदस्य मिलकर करते हैं। शिवसेना प्रमुख वही बनता है जो राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य रहता है। 2018 में आखिरी बार चुनाव हुआ था, जिसमें उद्धव ठाकरे को शिवसेना प्रमुख चुनाव गया था।
एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद से शिवसेना के अंदर उद्धव ठाकरे गुट और कमजोर हो रहा है। सियासी गलियारे में चर्चा उठने लगी है कि उद्धव ठाकरे को जल्द ही शिवसेना से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। एकनाथ शिंदे शिवसेना के नए प्रमुख बन जाएंगे। ये चर्चा यूं ही नहीं हो रही है, बल्कि आंकड़े इस ओर इशारा कर रहे हैं।
शिवसेना में अब तक क्या-क्या हुआ
महाराष्ट्र विधानसभा का 2019 में चुनाव हुआ था। 288 विधानसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। देवेंद्र फडणवीस की अगुआई में पार्टी ने 105 सीटों पर जीत हासिल की। उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 42 सीटें मिलीं थीं। बाकी अन्य पर छोटे दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत हासिल की।
मुख्यमंत्री पद को लेकर ठन गई थी शिवसेना और भाजपा में
मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर शिवसेना और भाजपा में मुख्यमंत्री पद को लेकर ठन गई। बात इतनी बढ़ी कि शिवसेना ने कांग्रेस, एनसीपी के साथ मिलकर सरकार का गठन कर लिया। उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बन गए। ज्यादा सीटें जीतने के बावजूद भाजपा को विपक्ष में रहना पड़ा। ढाई साल बाद जून 2022 में एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर 40 शिव सैनिक विधायकों ने बगावत कर दिया। शिंदे भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहते थे। लेकिन, उद्धव नहीं माने। उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देना पड़ा। अंत में शिंदे ने बागी 40 विधायकों और भाजपा के समर्थन से खुद सरकार बना ली। शिंदे अब मुख्यमंत्री हैं।
शिंदे के पास 41 शिवसेना विधायकों का समर्थन
एकनाथ शिंदे के पास 41 शिवसेना विधायकों का समर्थन है। इनमें उद्धव गुट के एक विधायक भी शामिल हैं। इसके अलावा 9-12 सांसद भी शिंदे के पक्ष में बताए जा रहे हैं। सांसदों के बगावत की बात खुलकर अभी सामने नहीं आई है। सोमवार को उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सांसदों की बैठक बुलाई थी। इसमें 18 में से केवल 10 सांसद ही पहुंचे। 8 सांसद गैरहाजिर रहे। बताया जाता है कि ये सांसद शिंदे गुट का समर्थन करते हैं। उद्धव की बैठक में पहुंचने वाले कुछ सांसद भी शिंदे के संपर्क में बताए जा रहे हैं।
शिंदे गुट में आने वाले शिवसेना सांसद
शिंदे गुट में आने वाले शिवसेना सांसदों में सबसे पहला नाम उनके पुत्र कल्याण से सांसद श्रीकांत शिंदे का है। इसके अलावा रामटेक से सांसद रामकृपाल तुमाने, हिंगोली से हेमंत पाटिल, शिर्डी से सदाशिव लोखंडे, यवतमाल से भावना गवली, दक्षिण-मध्य मुंबई से राहुल शेवाले, बुलढाणा से प्रतापराव जाधव, पालघर से राजेंद्र गावित, नासिक से हेमंत गोडसे, मावल से श्रीरंग बारणे और ठाणे से राजन विचारे के नाम की चर्चा है।
शिव सैनिक पार्षदों ने थाम लिया शिंदे गुट का दामन
हाल ही में ठाणे नगर निगम के 67 शिवसैनिक पार्षदों में से 66 ने शिंदे गुट का दामन थाम लिया है। इसी तरह कल्याण-डोंबिवली के 55 से ज्यादा शिवसैनिक पार्षद ने शिंदे गुट को समर्थन दिया है। कल्याण डोंबिवली महानगर पालिका के अध्यक्ष राजेश मोरे भी शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। नवी मुंबई के 32 पूर्व कॉरपोरेटर भी अब शिंदे के साथ हैं। पहले विधायक, फिर पार्षद व अब सांसद एक-एक करके शिवसेना के चुने हुए ज्यादातर जन प्रतिनिधियों को एकनाथ शिंदे अपने खेमे में कर रहे हैं।
ऐसे में सवाल है कि क्या शिंदे शिवसेना पर पूरी तरह से कब्जा का प्लान कर रहे हैं?
-चीफ व्हिप और विधायक दल का नेता शिंदे के साथ- मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद एकनाथ शिंदे ने ठाकरे गुट में शामिल रहे पार्टी के चीफ व्हिप सुनील प्रभु और विधायक दल के नेता अजय चौधरी को हटाया। खुद विधायक दल के नेता बन गए। जबकि, भरत गोगावले को पार्टी का नया व्हिप नियुक्त कर दिया। किसी भी पार्टी में ये दोनों पद बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
-विधानसभा अध्यक्ष का साथ- नए विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर भाजपा के विधायक हैं। ऐसे में अध्यक्ष की कुर्सी से भी शिंदे को साथ मिलेगा। शिंदे पहले ही आदित्य ठाकरे समेत ठाकरे गुट के अन्य 15 विधायकों को अयोग्यता की कार्रवाई का नोटिस भिजवा चुके हैं।
-सांसद, पार्षद और अन्य नेताओं का भी मिला साथ- शिंदे गुट को 200 से ज्यादा पार्षदों, करीब 12 सांसदों व पार्टी के कई नेताओं का साथ मिल चुका है। ये सब अब वही करेंगे जो इनके नए नेता यानी एकनाथ शिंदे का हुक्म होगा।
शिव सेना का संविधान
शिव सेना के संविधान के मुताबिक पार्टी का मुखिया शिवसेना प्रमुख कहलाएगा। इसका चुनाव प्रतिनिधि सभा के सदस्य मिलकर करते हैं। शिवसेना प्रमुख वही बनता है जो राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य रहता है। 2018 में आखिरी बार चुनाव हुआ था, जिसमें उद्धव ठाकरे को शिवसेना प्रमुख चुनाव गया था। प्रतिनिधि सभा में वह लोग शामिल होते हैं जो विधानसभा, विधान परिषद, लोकसभा, राज्यसभा या नगर निगम व नगर महापालिका के सदस्य होते हैं। यही लोग मिलकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों का भी चुनाव करते हैं।
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