जीके पिपिल
देहरादून

सरस्वती वंदना
मां सरस्वती मां सरस्वती
मां सरस्वती मां सरस्वती
मां सरस्वती मां सरस्वती
तेरे आगे नतमस्तक हैं हर कला के साधक यति जती
मां सरस्वती……
निर्बाध रहे निष्कंटक हो चले सही दिशा में मेरी मति
मां सरस्वती…….
दया करें हम सब पर मां तेरे चरणों की धूल मिले
कली बनें साहित्य में हम और उसी में फूल खिलें
प्रशस्त रहे मां पथ अपना अवरुद्ध न हो लेखन की गति
मां सरस्वती…….
हमें नेह मिले तेरा माता आमोद मिले प्रमोद मिले
हम पुत्र पुत्री हैं तेरे हम सबको मां तेरी गोद मिले
आशीष मिले तेरा प्रतिपल गतिमान रहे ज्यों मधुमति
मां सरस्वती…….
हो हम में भी कुछ ऐसा जो तेरे नेह की वज़ह बने
हम भले ही जा बैठे पीछे पर तेरे दर पे ज़गह बने
बगिया में तेरी हम उगते रहें चाहे कांटे बनें या वनस्पति
मां सरस्वती….


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