डॉक्टर की फर्जी डिग्री खरीदने के मामले में अब तक 15 गिरफ्तारियां हो गई हैं। इनमें से 11 फर्जी डॉक्टर, मास्टरमाइंड इमलाख और आईएमसी के तीन कर्मचारी हैं।
देहरादून पुलिस ने महिला सहित दो और फर्जी डॉक्टरों को गिरफ्तार कर लिया है। इन दोनों ने डिग्रियां सरकारी नौकरी पाने के लिए खरीदी थी। फर्जीवाड़ा ऐसा कि महिला ने तो 12वीं की मार्कशीट भी 50 हजार रुपये खरीदी थी। पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को जेल भेज दिया।
देहरादून के एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि मामले में 15 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इनमें 11 फर्जी डॉक्टर हैं। एक मास्टरमाइंड इमलाख और आईएमसी के तीन कर्मचारी हैं। पुलिस टीम ने बुधवार को अशफाक निवासी बेसरो, फतेहपुर सहारनपुर और ज्योति निवासी दादा पट्टी हसनपुर भगवानपुर हरिद्वार को गिरफ्तार किया।
पूछताछ में ज्योति ने बताया कि छुटमलपुर के कृष्णा कॉलेज में वह रिसेप्शनिस्ट थी। इस दौरान उसकी मुलाकात इमलाख से हुई थी। इमलाख ने उसे बीएएमएस की डिग्री दिलाने की बात कही। इसके लिए बायोलॉजी से इंटरमीडिएट पास होना जरूरी था। इमलाख ने उससे 50 हजार रुपये लिए और इंटरमीडिएट की मार्कशीट बनवाकर दी। इसके बाद बीएएमएस की डिग्री भी सात लाख रुपये में दे दी।
इसी तरह अशफाक ने पुलिस को बताया कि उसने डीयूएमएस का कोर्स किया था। इमलाख ने डॉक्टरी कराने का झांसा दिया। सात लाख रुपये देकर उसने भी इमलाख से फर्जी डिग्री खरीद ली।
एसएसपी ने बताया कि दोनों कहीं प्रैक्टिस नहीं कर रहे थे। उन्हें सरकारी नौकरी की विज्ञप्ति निकलने का इंतजार था। इनका प्लान था कि इमलाख से सेटिंग कर सरकारी नौकरी पा लेंगे। लेकिन, इससे पहले उनका भंडाफोड़ हो गया। एसएसपी ने बताया कि मामले में और गिरफ्तारियां होंगी।
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