-जोशीमठ भू-धंसाव के संबंध में शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता मंत्रीमंडल की बैठक हुई। बैठक के बाद मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु व सचिव अपदा प्रबंधन डॉ रंजीत सिन्हा ने मंत्रीमण्डल के निर्णयों की जानकारी दी।
जोशीमठ के आपदा प्रभावित लोगों को स्थायी विस्थापन नीति बनने से पहले अग्रिम एक लाख रुपए दिया जाएगा। हालांकि, बाद में इसका समायोजन किया जायेगा। वहीं, सामान की ढुलाई व तात्कालिक आवश्यकताओं के लिए 50 हजार रुपए दिए जाएंगे। इस तरह प्रभावितों को कुल 1.5 लाख रुपये दिए जाएंगे। कैबिनेट ने भी इसकी मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही की अन्य निर्णय भी कैबिनेट में किए गए हैं।
जोशीमठ भू-धंसाव के संबंध में शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता मंत्रीमंडल की बैठक हुई। बैठक के बाद मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु व सचिव अपदा प्रबंधन डॉ रंजीत सिन्हा ने मंत्रीमण्डल के निर्णयों की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से प्रभावितों के लिए चयनित भू-खण्डों (कोटी फार्म, पीपलकोटी, गोचर, ग्राम गौख सेलंग, ढाक) पर प्री-फेर्बीकेटेड स्ट्रक्चर्स का निर्माण किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दे दी है। मंत्रिमण्डल ने निर्देश भी दिये कि प्रभावितों का सर्वे कराने के बाद उन्हें मकान या पैकेज के रूप में धनराशि देने का निर्णय लिया जायेगा।
आपदा प्रभावित ऐसे व्यक्ति जो किराये के मकान में रह रहे हैं, उनको किराये के रूप में प्रतिमाह 4000 रुपए दिए जाएंगे। यह सुविधा अधिकतम 6 महीने तक मिलेगी और यह राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से दी जाएगी। हालांकि, किराये की धनराशि 4,000 से बढाकर 5,000 प्रतिमाह किये जाने का अनुमोदन भी दिया गया है। जिलाधिकारी चमोली की रिपोर्ट के आधार पर यदि किराये को और अधिक बढ़ाने की जरूरत हुई तो इस पर निर्णय के लिये मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
भू-धंसाव प्रभावित परिवारों को होटल/आवासीय ईकाईयों में राहत कैम्प के रूप में ठहराया जाएगा। इसके लिए एसडीआरएफ के मानकों के अनुसार 950 प्रतिदिन प्रतिकक्ष, जो भी कम होगा, वह दिया जाएगा। उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही राहत कैम्प की अवधि के दौरान प्रति व्यक्ति को भोजन के लिये प्रतिदिन 450 देना प्रस्तावित है। यदि कोई व्यक्ति राहत कैम्प में भोजन करने का इच्छुक नही है, तो ऐसे व्यक्ति को भोजन के लिए प्रतिदिन 450 रुपए दिए जाएंगे। एसडीआरएफ के मानकों के अनुसार पशुओं के प्रतिस्थापन के लिए 15 हज़ार दिए जाएँगे। इसके अलावा बड़े पशुओं के चारे के लिये 80 रुपए प्रतिदिन व छोटे पशुओं के चारे के लिये 45 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से दी जाएगी।
जोशीमठ नगर क्षेत्र के भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण व जल निकासी योजना के काम के लिए सिंचाई विभाग के स्तर पर शोर्टलिस्ट संस्थाओं में से M/S WAPCOS Limited Gurugram को टो-इरोजन आदि कार्य ईपीसी मोड में कराने सिंचाई विभाग व वैपकोस में से जो भी डीपीआर जल्द तैयार करेगा, वह काम शुरू कर सकता है। इस सम्बन्ध में निर्णय के लिये मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
भू-धंसाव से प्रभावित लोगों को हुई क्षति का जनपद स्तरीय समिति सर्वे करेगी। उसके बाद उनकी भूमि व भवन के लिए सहायता राशि देने के लिए मंत्रिमण्डल एक सप्ताह के अन्दर पैकेज तैयार करेगा और उसे भारत सरकार को भेजा जाएगा।
जोशीमठ की आपदा के दृष्टिगत भारत सरकार से राहत पैकेज के रूप में धनराशि प्राप्त होने तक राज्य सरकार के संसाधनों से अल्प कालिक व मध्य कालिक विभिन्न कार्यों पर धनराशि का व्यय किया जाना प्रस्तावित है, जिसका समायोजन भारत सरकार से राहत पैकेज के रूप में धनराशि प्राप्त होने पर कर लिया जायेगा।
भारत सरकार के पत्र में एसडीआरएफ के नवीन मानकों में यह व्यवस्था की गयी है कि ऐसे परिवार जिनकी आजीविका का साधन आपदा के कारण प्रभावित हुआ है, उनके परिवार के दो वयस्क लोगों को मनरेगा के तहत निर्धारित मजूदरी की दरों के अनुसार राहत राशि दी जायेगी। मनरेगा में निर्धारित दरों के अनुसार राहत राशि देने के सम्बन्ध में मंत्रिमण्डल का अनुमोदन प्राप्त किया जाना प्रस्तावित है।
इसके अलावा भी कैबिनेट ने 4 अन्य विषयों पर भी सहमति दी है।
-नवम्बर-2022 से आगामी छः महीने तक जोशीमठ के आपदा प्रभावित परिवारों/व्यक्तियों के बिजली व पानी के बिल माफ करने का निर्णय लिया गया है।
-जोशीमठ के आपदा प्रभावित व्यक्तियों के बैंक से लिये गये ऋण की वसूली को एक साल के स्थगित किये जाने के सम्बन्ध में निर्देश दिये गये कि सहकारी बैंकों की ऋण वसूली तत्काल प्रभाव से स्थगित की जाय। अन्य कमर्शियल बैंक के स्तर से भी ऋण वसूली स्थगित करने का अनुरोध भारत सरकार से किया जाए।
-उत्तराखण्ड राज्य के सभी पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता का अध्ययन का निर्णय लिया गया है।
-जोशीमठ की आपदा से सम्बन्धित विभिन्न प्रस्तावों पर शीघ्रता से निर्णय लिये मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
-जोशीमठ भू-धंसाव प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए उत्तराखण्ड के सभी कैबिनेट मंत्री अपने एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे।
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