December 15, 2025

Uttarakhand Meemansa

News Portal

केदारनाथ के बाद आपदा से राज्य में सबसे बड़ा आर्थिक नुकसान

उत्तराखंड को हर साल मानसून सीजन में प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। वर्ष 2013 में केदारघाटी में आई आपदा से भारी तबाही मची थी। जिला स्तर पर डीएम के माध्यम से नुकसान के आकलन की रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

उत्तराखंड मीमांसा न्यूज (ब्यूरो)। राज्य में वर्ष 2013 की केदारनाथ त्रासदी के बाद आपदा से सबसे बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। इस साल अब तक उत्तरकाशी, पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग समेत अन्य जिलों में बादल फटने व अतिवृष्टि से पांच हजार करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है। प्रदेश में बारिश से जिस तरह के हालात बने, उसे देखते हुए नुकसान का आंकड़ा बढ़ सकता है। जिला स्तर पर डीएम के माध्यम से नुकसान के आकलन की रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

उत्तराखंड को हर साल मानसून सीजन में प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। वर्ष 2013 में केदारघाटी में आई आपदा से भारी तबाही मची थी। पुनर्निर्माण कार्य से केदारपुरी फिर से संवर गई है। हर साल आपदाओं से सड़क, पुल, सार्वजनिक व निजी संपत्तियां क्षतिग्रस्त होने से राज्य को आर्थिक नुकसान होता है। लेकिन, केदारनाथ आपदा के बाद इस बार अलग-अलग जिलों में बादल फटने, अतिवृष्टि व भूस्खलन से सबसे बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। अभी तक जिलों से नुकसान की वास्तविक आकलन रिपोर्ट आनी बाकी है।

उत्तरकाशी जिले में 360 भवनों को नुकसान, 18 लोगों की मौत
उत्तरकाशी जिले में अब तक आपदा से 18 लोग की मौत हुई है। इसके अलावा 13 लोग घायल व 70 लोग अब भी लापता चल रहे हैं। 360 भवनों को आपदा से नुकसान पहुंचा है। जिले में 28 विभागों को करीब 236.98 करोड़ नुकसान का आकलन किया गया। खीर गंगा में आई बाढ़ से धराली मलबे में दफन हो गया। बहुमंजिला होटल, आवासीय भवन, होमस्टे के साथ 235 बेजुबान मवेशी भी मलबे में समा गए। धराली आपदा में 10 विभागों को 211.56 करोड़ का नुकसान हुआ है। 1057 लोगों की करीब 334.271 हेक्टेयर कृषि भूमि मलबे से खत्म हो गई।

टिहरी जिले में 70 करोड़ का नुकसान
टिहरी जिले में मानसून सीजन में जनधन की बड़ी क्षति हुई है। आपदा के दौरान दो अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की मौत हुई है। 452 भवन भवन व गोशाला आंशिक और पूर्ण क्षतिग्रस्त हुए हैं। सैकड़ों नाली कृषि भूमि तबाह हुई है। विभिन्न विभागों की सार्वजनिक संपत्तियों को लगभग 70 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। आपदा से जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में 6 भवन पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए है। प्रशासन की ओर से फौरी राहत के रूप में 35 लाख 88 हजार रुपये का मुआवजा दिया गया। मुअवाजा वितरित किया जा चुका है।

पौड़ी में  77.46 करोड़ का नुकसान
पौड़ी जिले में इस साल हुई भारी बारिश और आपदा के कारण 2008 परिसंपत्तियां क्षतिग्रस्त हो गईं। प्रशासन की 77.46 करोड़ का प्रारंभिक नुकसान का आकलन किया है। आपदा से जिले में सात लोगों की मौत हो चुकी है, 5 लोग लापता हैं। जिला प्रशासन ने प्रभावित लोगों को 1.21 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशि प्रदान की है। जिले में 486 सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं हैं। लोक निर्माण विभाग को 51.82 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। 770 बिजली की लाइनें और खंभे टूटने से दो करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। 156 प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय भवनों को 2.64 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। आपदा से 790 घरों को नुकसान पहुंचा है।

रुद्रप्रयाग में 212 से अधिक पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त, चार करोड़ का नुकसान
रुद्रप्रयाग जिले के उप तहसील बसुकेदार व पूर्वी बांगर क्षेत्र में अतिवृष्टि से 212 से अधिक पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई है। कुछ पेयजल योजनाओं के स्रोत भी तबाह हो गए। जल संस्थान को अब तक चार करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है। अतिवृष्टि से डुंगर, तालजामण, स्यूंर, डांगी, उछोला, बडेथ, सुमाड़ी सहित 31 पेयजल योजनाओं को व्यापक क्षति पहुंची है।

चमोली जिले में तैयार की जा रही नुकसान की रिपोर्ट
चमोली जिले में आपदा से बीते ढाई माह में 11 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, 14 घायल हुए हैं। थराली, देवाल, ज्योतिर्मठ, पोखरी, पीपलकोटी और नंदानगर क्षेत्र में भूस्खलन, भू-धंसाव व अतिवृष्टि से भारी नुकसान हुआ है। मलबे में दबने से 19 पशुओं की मौत हो गई है। 16 आवासीय भवन पूर्ण व 116 भवन आंशिक रुप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 214 संपर्क मोटर मार्ग जगह-जगह भूस्खलन होने से क्षतिग्रस्त हुए हैं। आपदा से 140 परिवार प्रभावित हुए हैं।

राज्य में अब तक आपदा से पांच हजार करोड़ से अधिक के नुकसान का अनुमान है। जिलों से नुकसान की अंतिम रिपोर्ट मिलने के बाद केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। पिछले साल की तुलना में इस बार कई गुना अधिक नुकसान हुआ है।
विनोद कुमार सुमन, सचिव आपदा प्रबंधन

news