December 15, 2025

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“तुंगनाथी” के नाम पर होगा कार्तिक स्वामी मन्दिर पैदल ट्रैक : महाराज

हिमवंत कवि चन्द्र कुंवर बर्तवाल की जयंती पर उनके जीवन व काव्य पर आधारित पुस्तक का हुआ लोकार्पण, स्व० डॉ योगम्बर सिंह बतर्वाल का भी किया स्मरण

शब्द रथ न्यूज (ब्यूरो)। हिमवंत कवि चन्द्र कुंवर बर्तवाल शोध संस्थान सोसाइटी जैसे विशाल वट वृक्ष को खड़ा करने में स्व० डॉ योगम्बर सिंह बर्तवाल “तुंगनाथी” के योगदान को देखते को जनपद चमोली के विकासखंड पोखरी में पर्यटन विभाग के ट्रैकिंग ट्रेक्शन सेन्टर व कनकचौरी (चमोली) से कार्तिक स्वामी मन्दिर (रुद्रप्रयाग) तक पैदल ट्रैक मार्ग (2.5 किमी) का नामकरण प्रसिद्ध साहित्यकार स्व. डॉ योगम्बर सिंह बतर्वाल “तुंगनाथी” के नाम पर रखा जायेगा। इसकी घोषणा बात लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने हिमवंत कवि चन्द्र कुंवर बर्वाल की जंयती पर आयोजित समारोह में की।

शनिवार को रिस्पना बाईपास स्थित संस्कृति विभाग के ऑडिटोरियम में आयोजित समारोह में चंद्र कुंवर बर्तवाल के जीवन व काव्य पर आधारित पुस्तक का लोकार्पण बतौर मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर सिंह सजवान, टिहरी राजपरिवार के सदस्य ठाकुर भवानी प्रताप सिंह और पूर्व आईएएस चंद्र सिंह ने किया। इस अवसर पर सतपाल महाराज ने कार्यक्रम के लिए साहित्य कला एवं संस्कृति के लिए समर्पित “हिमवंत कवि चन्द्र कुंवर बतर्वाल शोध संस्थान सोसाइटी” के पदाधिकारियों व सदस्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि जनपद रुद्रप्रयाग अगस्त्यमुनि के मालकोटी गांव में जन्में हिमवंत कवि के नाम से प्रसिद्ध साहित्यकार चन्द्र कुंवर बतर्वाल ने 13 वर्ष की आयु से लेकर 28 वर्ष की आयु तक 750 से अधिक कविताएं, 25 से अधिक कहानियां और कई व्यंग्य लिखे। अपने जीवन के अल्प कालखण्ड में साहित्य जगत में दिया गया उनका योगदान अकल्पनीय है।

महाराज ने कहा कि यदि चन्द्र कुंवर बतर्वाल के उपलब्ध साहित्य का सही ढंग से मूल्याकंन किया जाय तो वह उस स्थान को हासिल कर सकते हैं, जिसके सही मायने में वे हकदार थे। उन्होंने कहा कि बहुत से साहित्यकारों ने चन्द्र कुंवर बर्वाल के साहित्य को संजोने का भगीरथ प्रयास किया है। ऐसे ही हमारे बीच के साहित्यकार स्व. डॉ योगम्बर सिंह बतर्वाल “तुगनाथी” भी रहे हैं, जिन्होंने चन्द्र कुंवर बर्तवाल के साहित्य को समेटने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

महाराज ने कहा कि हिमवंत कवि चन्द्र कुंवर बर्तवाल शोध संस्थान सोसाइटी” जिसके बैनरतले हम आज चन्द्र कुंवर बर्तवाल की जंयती पर एकत्रित हुए हैं इस संस्थान की स्थापना भी साहित्यकार स्व. डॉ योगम्बर सिंह बतर्वाल “तुंगनाथी” ने ही की थी। उन्होंने कहा कि स्व. तुंगनाथी द्वारा संकलित चन्द्र कुंवर बतर्वाल की कई अप्रकाशित कृतियों पर आधारित पुस्तक का इस अवसर पर लोकार्पण किया जाना अत्यंत प्रसन्नता का विषय है। निश्चित रूप से इस पुस्तक से हमें हिमवंत कवि चन्द्र कुंवर बर्तवाल के साहित्य की और अधिक जानकारी प्राप्त हो सकेगी। “हिमवंत कवि चन्द्र कुंवर बर्तवाल शोध संस्थान सोसाइटी” जैसे विशाल वट वृक्ष को खड़ा करने में स्व. डॉ योगम्बर सिंह बर्तवाल “तुंगनाथी” के अभूतपूर्व योगदान को देखते हुए पर्यटन विभाग को जनपद चमोली के विकासखण्ड पोखरी में पर्यटन विभाग के ट्रैकिंग ट्रेक्शन सेन्टर व कनकचौरी (चमोली) से कार्तिक स्वामी मन्दिर (रुद्रप्रयाग) तक पैदल ट्रैक मार्ग (2.5 किमी) का नामकरण स्व० डॉ योगम्बर सिंह बर्तवाल “तुंगनाथी” के नाम पर रखने के निर्देश पर्यटन विभाग को दिये गये हैं।

कार्यक्रम में पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवान, पूर्व आईएएस चंद्र सिंह, विजयलक्ष्मी गुसाईं, कुंवर भवानी प्रताप सिंह, कुलवंती बर्तवाल, शोध संस्थान के सचिन गौरव सिंह बर्तवाल, धीरेंद्र सिंह बर्तवाल, कर्नल डीएस बर्तवाल, निशीथ सकलानी, कवि/गीतकार वीरेन्द्र डंगवाल “पार्थ”, शक्ति बर्तवाल, नरेंद्र सिंह रौथाण, डॉ अर्चना डिमरी आदि मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ मानवेंद्र सिंह बर्तवाल ने किया।

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