युवा कवि नीतीश डोभाल की एक सुंदर रचना
नीतीश डोभाल
हिमाचल प्रदेश

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समय के पास
मुझे एक वही रात
गिरवी रखनी पड़ी
जिस पर तुम्हारे हथेलियों
की छाप थी,
तब से रातें कई तरह की
आ-जा रही हैं
तुम भी
आते-जाते रहते हो
पर तुम्हारी छाप वाली
वह एक रात
अब मेरे से छीनी जा
चुकी है..
Copyright nitish dobhal
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