January 5, 2025

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उत्तराखंड निकाय चुनाव : भाजपा विधायक का बेटा व कई कार्यकर्ता बने बागी

भाजपा प्रदेश पार्टी मुख्यालय से लेकर जिला और मंडलों तक में पार्टी नेता अपने निकायों में कार्यकर्ताओं से नामांकन वापस लेने का दबाव बनाते रहे, जिन्होंने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ पर्चा भरा है। लेकिन, कई बागी ऐसे थे जिन्होंने नाम वापस नहीं लिया।

देहरादून। भारतीय जनता पार्टी के लिए निकाय चुनाव में उतरे बागी मुश्किलें पैदा करेंगे। उत्तरकाशी, टिहरी, बड़कोट, कर्णप्रयाग और दुगड्डा सहित कई निकायों में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ नामांकन पत्र दाखिल किया था। लेकिन, नाम वापसी दिन भी उन्होंने नाम वापस नहीं लिए।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के साथ ही सासंदों, मंत्रियों, विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों ने बागियों को मनाने की कोशिश की। लेकिन, वे सभी नाकाम हो गईं। अब पार्टी सभी जिलाध्यक्षों से बागियों की सूची मंगाकर उन्हें पार्टी से बाहर करेगी।

कर्णप्रयाग पालिका में पार्टी प्रत्याशी गणेश शाह के खिलाफ थराली के पार्टी विधायक भूपाल राम टम्टा के बेटे जय प्रकाश ने नामांकन दाखिल किया था। भाजपा नेता विधायक को दिनभर फोन लगाते रहे। लेकिन, विधायक ने फोन नहीं उठाया। बाद में फोन स्विचऑफ हो गया। संगठन स्तर पर इसे अनुशासनहीनता माना जा रहा है।

उत्तरकाशी पालिका में पार्टी प्रत्याशी किशोर भट्ट के खिलाफ उतरे भूपेंद्र चौहान मैदान से नहीं हटे, तो नई टिहरी नगर पालिका में पार्टी के विक्रम सिंह कठैत और अनुसुइया नौटियाल ने भी पर्चे वापस नहीं लिए। इनके साथ ही दुगड्डा में भावना चौहान पर भी पार्टी नेताओं के समझाने का असर नहीं पड़ा। नौगांव में पूर्व विधायक राजकुमार के भाई यशवंत कुमार ने जिद नहीं छोड़ी और पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव डटे हैं। पौड़ी में भाजपा की तीन महिला कार्यकर्ताओं कुसुम चमोली, प्रियंका थपलियाल और बीना भंडारी ने संगठन नेतृत्व को भी दी। काफी कोशिशों के बावजूद किसी ने भी नामांकन वापस नहीं लिया।

इनके अलावा श्रीनगर नगर निगम में एक, मुनिकी रेती, बड़कोट नगर पालिका में एक-एक, बड़कोट निकाय में छह बागी मैदान में डटे हुए हैं, इससे पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि अधिकतर निकायों में सक्रिय कार्यकर्ताओं ने बिना शर्त नाम वापस ले लिए हैं। शेष लोगों पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई होगी।अनुशासनहीन लोगों को पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित किया जाएगा।

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