January 5, 2025

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बुजुर्ग दंपती ने तेंदुए से भिड़कर बचाई अपनी जान, घर में फंसी पोती को भी मौत के मुंह से बचाया

बुजुर्ग दंपती ने तेंदुए से लगभग एक घंटे तक संघर्ष कर अपनी और अपने परिवार की जान बचा ली। घायल बुजुर्ग लाल सिंह बोहरा अपनी पत्नी चंद्रा देवी दूरस्थ धूरा के चौड़ाकोट से उप जिला अस्पताल पहुंचे और वहां अपना इलाज कराया।

(Uttarakhand Meemansa News)। टनकपुर में बुजुर्ग दंपती ने तेंदुए से लगभग एक घंटे तक संघर्ष किया और अपनी व अपने परिवार की जान बचा ली। घायल बुजुर्ग लाल सिंह बोहरा अपनी पत्नी चंद्रा देवी के साथ चौड़ाकोट से उप जिला अस्पताल पहुंचे और वहां अपना इलाज कराया। दंपती ने बताया कि पहली बार उनका तेंदुए से सामना हुआ। उन्होंने करीब एक घंटा दहशत के बीच बिताया। संघर्ष में बुजुर्ग लाल सिंह की बांयींं आंख में चोट आई है।

दूरस्थ सूखीढांग के धूरा के चौड़ाकोट गांव में बुजुर्ग लाल सिंह के घर में गुरुवार दो जनवरी को करीब 17 घंटे तक तेंदुए का राज रहा। बूम रेंजर गुलजार हुसैन ने बताया कि सुबह चार बजे से रात नौ बजे तक तेंदुआ घर के अंदर रहा। रात नौ बजे मुख्य दरवाजे पर पिंजड़े के ऊपर लगे पट्टे को तोड़कर तेंदुआ बाहर निकला। आवाज आते ही अंदर देखा तो तेंदुआ नहीं था। इसके बाद परिजनों को अंदर जाने दिया गया।

दूसरे दिन शुक्रवार को ग्रामीण नाथ सिंह अपने बुजुर्ग पिता लाल सिंह (82), मां चंद्रा देवी को वाहन से लेकर उप जिला अस्पताल पहुंचे और दोनों का इलाज कराया। अस्पताल में बुजुर्ग लाल सिंह ने आपबीती सुनाई।उन्होंने बताया कि सुबह चार बजे जब वह शौच के लिए बाहर गए तो उनके साथ पालतू कुत्ता भी बाहर आया। लेकिन, जैसे से अंदर आने लगे तो कुत्ते के पीछे तेंदुआ आ गया। तेंदुए ने पहले आधा घंटे तक उन पर हमले का प्रयास किया और इधर-उधर कूदता रहा। इसके बाद वह उनकी पत्नी पर हमला करने लगा तो रजाई में खुद को लपेट लिया। करीब एक घंटे के बाद घर के ऊपरी मंजिल में गया, तब अंदर से पुत्री नीलावती, पोती अंकिता को बाहर निकाला और मेन गेट बंद किया। उनका पुत्र नाथ सिंह घटना के समय दूसरे गांव बयाला गया था। बुजुर्ग दंपत्ति के साहस ने खुद को और पुत्री और पोती को भी बचा लिया।

करीब 17 घंटे तक चला रेस्क्यू अभियान

रेंजर गुलजार हुसैन ने बताया कि सुबह चार बजे से रात नौ बजे तक तेंदुआ घर के अंदर रहा। रात नौ बजे मुख्य दरवाजे पर पिंजरे के ऊपर लगाए पट्टे तोड़कर तेंदुआ बाहर निकला। वन कर्मी घर के अंदर घुसे तो तेंदुआ नहीं था। इसके बाद परिजनों को अंदर जाने दिया गया। करीब 17 घंटे तक रेस्क्यू अभियान चला। वन विभाग की टीम को अलर्ट किया गया है। वन कर्मियों को क्षेत्र में समय-समय पर गश्त करने के निर्देश दिए हैं। वहीं ग्रामीणों से भी सतर्कता बरतने की अपील की गई है ताकि किसी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके।

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