-भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन युद्ध के बाद जो नागरिक चीन या पाकिस्तान जाकर बस गए और वहां के नागरिक बन गए, उनकी भारत में रह गई संपत्ति को शत्रु संपत्ति माना गया है। देशभर में 9400 से अधिक शत्रु संपत्तियां हैं। उत्तराखंड में ऐसी 69 संपत्तियां हैं।
उत्तराखंड सरकार ने अरबों रुपये की शत्रु संपत्ति को कब्जों से मुक्त कराने की मुहिम शुरू की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले दिनों सरकार को राज्य में ऐसी 69 संपत्तियों के होने की सूची सौंपी थी। जिलाधिकारियों ने इन संपत्तियों की पहचान कर ली है।
जिलाधिकारियों की ओर से कब्जे छुड़ाने की कार्रवाई के तहत नोटिस चस्पा किए जा रहे हैं। पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारी उत्तराखंड आए थे। उन्होंने शासन स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक की। गृह विभाग को चिह्नित शत्रु संपत्ति की सूची सौंपी और उस संपत्ति पर कब्जा हटाकर उसे केंद्र सरकार के सुपुर्द करने की अपेक्षा की।
देहरादून, मसूरी, नैनीताल, भगवानपुर, ज्वालापुर और किच्छा में ऐसी संपत्तियां हैं, जिन पर कब्जा लेने के लिए संबंधित जिलाधिकारियों ने कार्रवाई शुरू कर दी है। नैनीताल में होटल मेट्रो पॉल परिसर भी शत्रु संपत्ति है, जिस पर बड़ी संख्या एक समुदाय के लोग रह रहे हैं। जिला प्रशासन ने इस संपत्ति को खाली करने का नोटिस जारी कर दिया है।
देहरादून में तीन शत्रु संपत्तियां, एक का कब्जा लिया
जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार देहरादून में तीन शत्रु संपत्तियां हैं। चकराता में दो संपत्तियां हैं, जो 600 वर्ग गज में हैं। चकराता के ग्राम ठाणा में स्थित शत्रु संपत्ति को प्रशासन ने कब्जे में ले लिया है। मसूरी में 18 हजार वर्ग फुट जगह है। मसूरी में कैमलबैक रोड दिलाराम स्टेट पर स्थित शत्रु संपत्ति को भी सरकार जल्द संरक्षण में ले लेगी। दून के माजरा में भी तीन एकड़ शत्रु संपत्ति परकब्जा लेने की तैयारी है। जिलों में शत्रु संपत्ति को लेकर कार्रवाई से भू-माफिया में हड़कंप है। देहरादून और अन्य स्थानों पर इन शत्रु संपत्ति पर भू-माफिया की नजर है, इसे खुर्द-बुर्द करने की कोशिशें होती रही हैं।
शत्रु संपत्ति का विषय केंद्र सरकार का है। 1947 में जब देश आजाद हुआ था, उस समय में जो लोग अपनी संपत्ति छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे, ऐसी संपत्ति को केंद्र सरकार ने शत्रु संपत्ति घोषित किया। इसका स्वामित्व केंद्र सरकार के पास है। केंद्र सरकार ने सभी प्रदेशों में शत्रु संपत्ति चिह्नित करके सभी जिलाधिकारियों को सूची भेजी है। यहां भी 69 संपत्तियों की सूची दी गई है। जिलाधिकारियों को इनका सर्वे, मूल्यांकन और कब्जेदारों को नोटिस देकर उस संपत्ति को केंद्र सरकार में निहित कराना है।
राधा रतूड़ी, अपर मुख्य गृह सचिव
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