-अभियोजन के अधिवक्ता जितेंद्र रावत का कहना है कि पुलिस ने कोई बात नहीं छुपाई है। खुशराज ने जब नौकरी पाई थी, उसने जेंडर के सामने पुरुष ही लिखा था। पुलिस को भी यह बात पता है। गवाह लड़का है या लड़की, इसको सुनने से कोर्ट ने भी इन्कार कर दिया था।
अंकिता हत्याकांड में कोर्ट में गवाही के लिए पहुंचे गवाह नंबर-7 खुशराज को बचाव पक्ष ने लड़की बताया है। आरोप है कि अभियोजन ने उसे जानबूझकर लड़का बताकर कोर्ट में पेश किया है। वह जन्म से लड़की है। बचाव पक्ष इसके पक्ष में साक्ष्य जुटाने की बात कर रहा है।
अंकिता हत्याकांड में खुशराज की गवाही अहम है। खुशराज ने सबसे पहले अंकिता को फोन पर चिल्लाते हुए सुना था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अमित सजवाण के तर्क से नया विवाद खड़ा हो गया है। विवाद उसके जेंडर को लेकर है।
बचाव पक्ष का कहना है कि पुलिस बताना चाहती थी कि वनंत्रा रिजॉर्ट लड़कियों के लिए सुरक्षित नहीं था। यहां सब लड़के काम कर रहे थे। अकेली अंकिता को यहां परेशान किया गया। खुशराज लड़का है या लड़की, इसे सिद्ध करने के लिए आधार कार्ड या अन्य परिचय पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है।
अभियोजन के अधिवक्ता जितेंद्र रावत का कहना है कि पुलिस ने कोई बात नहीं छुपाई है। खुशराज ने जब नौकरी पाई थी, उसने जेंडर के सामने पुरुष ही लिखा था। पुलिस को भी यह बात पता है। गवाह लड़का है या लड़की, इसको सुनने से कोर्ट ने भी इन्कार कर दिया था। ऐसे में इस बात पर विवाद उचित नहीं है। बचाव के पास यदि कोई साक्ष्य है तो वह प्रस्तुत करे।


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