भारत सरकार को भेजे गए झांकी का विषय मानसखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुझाया था। उन्होंने मंदिर माला मिशन के अंतर्गत मानसखंड के रूप में इस विषय का सुझाव दिया था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को गणतंत्र दिवस परेड में पहले स्थान पर रही उत्तराखंड के मानसखंड की झांकी को हरी झंडी दिखाई। झांकी का पांच अप्रैल से 18 मई तक प्रदेश के ब्लॉक मुख्यालयों व मुख्य शहरों में प्रदर्शन किया जाएगा। राज्य स्थापना के 22 वर्ष के इतिहास में पहली बार उत्तराखंड की झांकी को देश के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की ऐतिहासिक परेड में पहला स्थान प्राप्त हुआ है। यह प्रदेशवासियों के लिए बड़ी उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि गणतंत्र दिवस परेड में विभिन्न राज्यों व भारत सरकार के मंत्रालयों की 27 झांकियों का प्रदर्शन किया गया था। मानसखंड झांकी में जागेश्वर मंदिर, कॉर्बेट नेशनल पार्क, ऐपण आर्ट, योग तथा वनों का समावेश किया गया था। इस उपलब्धि से उत्तराखण्ड की धार्मिक, सांस्कृतिक धरोहर, कला व संस्कृति का प्रचार-प्रसार पूरे विश्व में हुआ। मानसखंड झांकी के संबंध में दो मिनट की वीडियो भी तैयार की गई है। इस शॉर्ट फिल्म का एलईडी के माध्यम से जन सामान्य के लिए प्रसारण किया जाएगा।
झांकी में उत्तराखंड का प्रसिद्ध कॉर्बेट नेशनल पार्क, बारहसिंगा, उत्तराखंड का राज्य पशु कस्तूरी मृग, गोरल, देश का राष्ट्रीय पक्षी मोर जो उधमसिंह नगर में पाया जाता है, उत्तराखंड के प्रसिद्ध पक्षी घुघुती, तीतर, चकोर, मोनाल आदि व उत्तराखंड की प्रसिद्ध ऐपण कला को प्रदर्शित किया गया था। झांकी के आगे और पीछे उत्तराखंड का नाम भी ऐपण कला से लिखा गया था। जागेश्वर धाम का मंदिर घनघोर देवदार के वृक्षों के बीच में है। इसलिए झांकी में मंदिर के आगे और पीछे घनघोर देवदार के वृक्षो का सीन तैयार किया गया था।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, अपर निदेशक सूचना आशीष त्रिपाठी, झांकी लीडर केएस चौहान, आचार्य मनमोहन लोहनी उपस्थित थे।
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