-वित्त विभाग ने सर्किल निर्धारित करने में जीपीएस टूल्स की भी मदद ली है। रेट युक्तिसंगत व व्यावहारिक हों, इसका ध्यान रखा गया है।
उत्तराखंड में दिल्ली-देहरादून एक्स्प्रेस हाईवे के साथ ही राज्य में अन्य बड़ी परियोजनाओं के आसपास की जमीन अब महंगी हो जाएगी। राज्य सरकार ने कृषि, अकृषि भूमि और वाणिज्यक व गैर वाणिज्यक मकानों की दरें तय कर दी हैं। इससे राज्य में जमीन और मकानों के सर्किल रेट में 10 से 15 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है। नए सर्किल रेट की घोषणा कैबिनेट की मंजूरी के बाद की जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार विभाग ने नए सर्किल रेट निर्धारित करने में जीपीएस टूल्स की मदद ली है। साथ ही रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ी कई वेबसाइटों को भी चेक किया गया है, जो जमीन की बाजारी दरों को दिखाती हैं। जमीनों के बाजारी और सर्किल रेट के अंतर को कम करने की कोशिश की गई है।
राज्य के जिन क्षेत्रों में बड़ी परियोजनाओं का काम शुरू हुआ है या जहां परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, उनके आसपास जमीन के सर्किल रेट बढ़ सकते हैं। दिल्ली-देहरादून एक्स्प्रेस हाईवे के आसपास की जमीन व मकानों के सर्किल दर बढ़ना तय है। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग, स्टेट हाईवे व अन्य योजनाएं जहां चल रही हैं, वहां भी जमीन के सर्किल रेट बढ़ सकते हैं। नए पर्यटक स्थल वाले क्षेत्रो के आसपास की जमीन के रेट भी बढ़ सकते हैं।
सर्किट रेट को युक्तिसंगत व व्यावहारिक बनाने का किया प्रयास
वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि सर्किल रेट का प्रस्ताव तैयार हो गया है। सर्किट रेट को युक्तिसंगत व व्यावहारिक बनाने का प्रयास किया गया है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद नए सर्किल रेट जारी किए जाएंगे।
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