-विश्व हिंदी दिवस पर केडीएमआईपीई के राजभाषा अनुभाग ने जियोकेमेस्ट्री सभागार में ‘राजभाषा साहित्य सम्मान समारोह’ और गृह पत्रिका ‘संकल्पायन’ का विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया।
विश्व हिंदी दिवस पर केडीएमआईपीई के राजभाषा अनुभाग ने समूह महाप्रबंधक/संस्थान प्रमुख नंदन वर्मा की अध्यक्षता में
राजभाषा साहित्य सम्मान समारोह आयोजित किया। समारोह में उत्तराखंड के वरिष्ठ साहित्यकार वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” और कविता बिष्ट को ‘राजभाषा साहित्य सम्मान’ से सम्मानित किया गया। इस अवसर राजभाषा अनुभाग की गृह पत्रिका ‘संकल्पायन’ का भी विमोचन किया गया। समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि समूह महाप्रबंधक/आलंबन प्रबंधक गौतम दीक्षित की गरिमामय उपस्थिति रही।
कार्यक्रम में सबसे पहले संस्थान प्रमुख संस्थान प्रमुख नंदन वर्मा ने दोनों साहित्यकारों का सेपलीन देकर और शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। जबकि, समूह महाप्रबंधक/आलंबन प्रबंधक गौतम दीक्षित ने साहित्यकारों को सम्मान पत्र, राजभाषा सम्मान शील्ड और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में राजभाषा अनुभाग की गृह पत्रिका ‘संकल्पायन’ के 21वें अंक का विमोचन समूह महाप्रबंधक/संस्थान प्रमुख नंदन वर्मा के करकमलों द्वारा किया गया। इस अंक में प्रकाशित लेख, रचनाएं, कविता, संस्मरण आदि के लिए केडीएमआईपीई के कार्मिकों व उनके परिवार के सदस्यों को पुरस्कृत किया जाएगा। सम्मान समारोह व विमोचन कार्यक्रम का कुशल संचालन और धन्यवाद ज्ञापन राजभाषा प्रभारी संजय भट्ट ने किया।
साहित्य और भाषा का हमारे जीवन में अहम योगदान: डंगवाल
वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” ने अपने व्याख्यान में कहा कि साहित्य और भाषा का हमारे जीवन में अहम योगदान होता है। इसलिए हमें अपनी भाषा के विकास और उसकी शुद्धता पर विशेष ध्यान देना चाहिए, उसका प्रचार-प्रसार करना चाहिए। उन्होने इस बात पर भी विशेष ज़ोर दिया कि हमें खासकर लेखन कार्य में अधिक से अधिक शुद्ध हिन्दी भाषा का प्रयोग करना चाहिए। इस अवसर पर डंगवाल ने शुद्ध हिंदी में लिखे अपने गीत ‘अति सुंदर मनभावन पावन रूप तुम्हारा’ का पाठ कर हिन्दी भाषा के उत्थान के लिए संदेश दिया।
हिंदी भाषा को अधिक से अधिक बढ़ावा देने की आवश्यकता: बिष्ट
कविता बिष्ट ने कहा कि हिंदी भाषा को कार्यालय के कार्यों में अधिक से अधिक बढ़ावा देने की आवश्यकता है, जिससे इस हिंदी को पूरे देश में नई ऊंचाइयों तक ले जाया जा सकें। कविता बिष्ट ने काव्य पाठ से भी सभी को आनंदित किया।
क्षेत्रीय भाषाओं को भी साथ लेकर चलना होगा: वर्मा
समूह महाप्रबंधक/संस्थान प्रमुख नंदन वर्मा ने दोनों साहित्यकारों का कार्यक्रम में आने के लिए स्वागत और धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि हिन्दी को ऊंचाइयों तक ले जाने में क्षेत्रीय भाषायें अपना अमूल्य योगदान देती हैं। इसलिए हमें क्षेत्रीय भाषाओं को भी साथ लेकर चलना होगा। उन्होंने इस राजभाषा अनुभाग की गृह पत्रिका ‘संकल्पायन’ के सफल प्रकाशन के लिए राजभाषा अनुभाग केडीएमआईपीई को शुभकामनाएं दी।
आयोजन हिंदी को बढ़ावा देने में कारगार: दीक्षित
आलंबन प्रबंधक गौतम दीक्षित ने दोनों साहित्यकारों का स्वागत करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन हिंदी को बढ़ावा देने में कारगार साबित होते हैं, भविष्य में भी इस तरह के आयोजन होते रहने चाहिए।
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