‘नई कलम नया कलाम’ मंच के माध्यम से देश विदेश के रचनाकारों और साहित्य प्रेमियों को जोड़ा। काव्य यात्रा में न केवल हिन्दी बल्कि, अन्य क्षेत्रीय भाषाओं गुजराती, गढ़वाली, सिंधी, पंजाबी, मराठी, कन्नड़ और कुमाऊँनी भाषाओं को भी सहयात्री बनाया। इस यात्रा में हिन्दी नवरस, गढ़वाली नवरस, कुमाऊँनी नवरस, सिंधी नवरस कवि सम्मेलन ऑनलाइन आयोजित किए गए। साथ ही गुजराती और सिंधी सम्मेलन भी हुए।
भावनगर गुजरात के व्यवसायी प्रफुल्ल पंड्या ‘पागल फ़क़ीरा’ के उत्साह व अथक प्रयास से काव्य रचना के लिए ‘नई कलम नया कलाम’ जैसा उद्देश्यपूर्ण मंच का 23 नवम्बर 2018 को अस्तित्व में आया। इससे काव्य संसार के क्षितिज पर काव्य धारा के अनवरत प्रवाह में, रचनाकारों में, विख्यात कवियों के साथ ही सुदूर अनचीन्हे रचनाकारों को भी काव्य प्रेमियों ने न केवल पढ़ा वरन् उनकी काव्य रचना पर अपनी स्वीकृति भी दी। इस काव्यधारा को समय-समय पर काव्य जगत के अनेक विद्वानों का सानिध्य मार्गदर्शक के रूप में मिलता रहा। 23 नवंबर को मंच का पांचवां स्थापना दिवस मनाया गया।
उल्लेखनीय है इंदिरा गुप्ता ‘यथार्थ’ को इस रचना संसार का प्रथम विजेता होने का गौरव प्राप्त है। धीरे-धीरे कवि सम्मेलन के रूप में काव्य रचना की यह यात्रा इण्टरनेट की स्वीकार्यता के साथ ही अपने अगले पड़ाव की ओर बढ़ी और 5 जुलाई 2020 से चैनल के रूप में सामने आई। इस काव्य यात्रा को आयोजकों के रूप में निशा ‘अतुल्य’, डॉ दीपिका सुतोदिया ‘सखी’, डॉ इंदिरा गुप्ता ‘यथार्थ’ और यामा शर्मा ‘उमेश’ का साथ मिला।
काव्य यात्रा के पड़ाव में न केवल हिन्दी बल्कि, अन्य क्षेत्रीय भाषाओं जैसे गुजराती, गढ़वाली, सिंधी, पंजाबी, मराठी, कन्नड़ और कुमाऊँनी भाषा भी सहयात्री बने। यात्रा में हिन्दी नवरस, गढ़वाली नवरस, कुमाऊँनी नवरस, सिंधी नवरस कवि सम्मेलन, गुजराती और सिंधी सम्मेलन भी शामिल हैं। अंग्रेजी भाषा के काव्य पाठ के साथ ही अखिल भारतीय स्तर पर कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया।, जिसमें क्षेत्रीय भाषाओं को भी प्रतिनिधित्व मिला। वर्तमान में भारत से बाहर के देशों में न केवल इसकी स्वीकार्यता बल्कि, इसकी प्रतिभागिता भी बढ़ी है।
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