December 24, 2024

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केदारनाथ यात्रा: महिला समूहों ने प्रसाद से कमाए 44 लाख रुपए, 22 लाख रुपए के लड्डू व चूरमा भी बेचा

– विभिन्न महिला समूहों ने यात्रा के दौरान करीब कुल 48 लाख रुपए का कारोबार किया।

कोरोनाकाल के बाद पटरी पर लौटी श्री केदारनाथ धाम यात्रा इस बार रुद्रप्रयाग जिले के लिए कई सौगात दे गई। यात्रा से सीधे तौर पर जुड़े लोग दो सालों से सुचारु यात्रा का इंतजार कर रहे थे, इस वर्ष रिकाॅर्ड 15 लाख, 63 हजार से ज्यादा यात्री केदारनाथ धाम पहुंचे। जिले में संचालित महिला समूहों के लिए भी यात्रा सुखद रही। यात्रा से जुडे़ विभिन्न महिला समूहों ने 48 लाख रुपए का व्यापार किया। इसमें अकेले प्रसाद से ही महिलाओं ने 44 लाख रुपए कमाए।

जिले में महिलाओं ने बाबा केदारनाथ धाम के लिए स्थानीय उत्पादों से निर्मित प्रसाद तैयार करने के साथ ही यात्रा मार्ग पर रेस्तरां व कैफे भी संचालित किए। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि तीर्थ यात्रियों को स्थानीय उत्पादों से निर्मित प्रसाद व बाबा केदारनाथ के सोविनियर उपलब्ध करवाए गए। स्थानीय शहद, हर्बल धूप सहित कई उत्पाद महिलाओं ने तैयार कर यात्रियों को उपलब्ध करवाये। स्थानीय खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाने के लिए सरस रेस्तरां व हिलांस कैफे भी यात्रा मार्ग पर संचालित हो रहे हैं। करीब 20 महिला समूहों से जुड़ी महिलाएं यात्रा में योगदान देकर आत्मनिर्भरता की ओर सशक्त कदम उठा रही हैं।

प्रसाद बेचकर किया 43.50 लाख रुपए का व्यवसाय

श्री केदारनाथ धाम में जिले की महिलाओं द्वारा तैयार प्रसाद का विपणन करने वाले व्यापारी अर्जुन कुर्मांचली ने बताया कि इस वर्ष यात्रा बेहद लाभदायक सिद्ध हुई है। उन्होंने विभिन्न हैलीपैड़ व मंदिर परिसर में तीर्थ यात्रियों को करीब 43 लाख रुपए का प्रसाद बेचा। उनके पास जिलेभर के करीब 20 महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार चैलाई के लड्डू, हर्बल धूप, चूरमा, बेलपत्री, शहद, जूट व रेशम के बैग आदि पहुंचता है। इसके अलावा गंगा जल के लिए पात्र व मंदिर की भस्म भी प्रसाद पैकेज का हिस्सा हैं। पूरे पैकेज की कीमत 250 रुपए थी, जिसके अतिरिक्त 50 रुपए मंदिर समिति व हैली कंपनियों को राॅयल्टी दी जाती है।

रोजगार के साथ स्थानीय उत्पादों को भी मिला बढ़ावा

केदारनाथ प्रसाद उत्पादक फेडरेशन के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह सजवाण ने बताया कि इस वर्ष उन्होंने करीब 50 कुंतल चैलाई के लड्डू व चूरमा तैयार कर केदारनाथ में बेचा है। पिछले छह महीनों मेें उन्होंने 60 महिलाओं को रोजगार दिया, जिसमें 30 महिलाएं एनआरएलएम के तहत गठित समूहों के माध्यम से उनसे नियमित तौर पर जुड़ी हैं। पूरी यात्रा के दौरान उन्होंने करीब 22 लाख रुपए के लड्डू व चूरमा बेचा। समूह से जुड़ी महिलाओं को प्रतिदिन 300 रुपए मेहनताना देने के साथ ही प्रशिक्षण भी दिया गया। सजवाण ने बताया कि वर्ष 2017 में प्रसाद योजना शुरू होने से पहले चैलाई का उत्पादन बेहद सीमित हो गया था। अब इसके उत्पादन में बढोतरी हुई है। बताया कि वे 55 रुपए प्रति किलो के हिसाब से किसानों से चैलाई की खरीद करते हैं। अगले वर्ष के लिए किसानों को 100 कुंतल चैलाई का उत्पादन करने को कहा गया है। इसके अलावा बेलपत्री का उत्पादन करने वाले किसानों को भी योजना का लाभ मिल रहा है।

सरस रेस्तरां व विपणन केंद्र को मिली नई पहचान

केदारनाथ यात्रा मार्ग के अगस्त्यमुनि में जिला प्रशासन ने एनआरएलएम के माध्यम से गठित महिला समूहों की मदद से सरस रेस्तरां व विपणन केंद्र की शुरुआत यात्रा के दौरान की। सरस रेस्तरां संचालित कर रही महादेव स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष पूनम देवी ने बताया कि पहली ही यात्रा के दौरान उन्होंने करीब 4 लाख रुपए का व्यवसाय किया। सरस रेस्तरां के माध्यम से 8 लोगों को नियमित रोजगार मिला है। उन्होंने बताया कि अगली यात्रा के लिए समूह द्वारा अभी से और बेहतर तैयारियों के लिए रणनीति तैयार की जाएंगी। वहीं, सरस विपणन केंद्र संचालित कर रही शिवानी ने बताया कि केदारनाथ यात्रा के दौरान जिलेभर के किसानों से एकत्रित स्थानीय उत्पाद बेचकर 80 हजार रुपए का कारोबार किया।

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