-उत्तराखंड चारधाम यात्रा में केदारनाथ और यमनोत्री मंदिर के लिए पैदल मार्ग ज्यादा होने के कारण यात्री घोड़ा-खच्चर और डंडी-कंडी से भी यात्रा करते हैं। आंकड़ों के मुताबिक केदारनाथ में घोड़ा-खच्चर से 101.34 करोड़ और यमुनोत्री धाम में घोड़े खच्चरों से हुआ 21 करोड़ का कारोबार हुआ है।
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दो धाम केदारनाथ और यमुनोत्री मंदिर के कपाट आज (गुरुवार 27 अक्टूबर) को शीतकाल के लिए बंद हो गए। कोरोना काल के बाद इस बार चार धाम यात्रा की रौनक़ पटरी पर लौटती हुई नज़र आई। यात्रा ने इस वर्ष तमाम रिकॉर्ड तोड़ कर नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। केदारनाथ और यमुनोत्री यात्रा में सिर्फ़ घोड़ा-खच्चरों, हेली टिकट और डंडी-कंडी के यात्रा भाड़े से ही इस साल लगभग 211 करोड़ का कारोबार हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक केदारनाथ में घोड़ा-खच्चर से 101.34 करोड़ और यमुनोत्री धाम में घोड़े खच्चरों से हुआ 21 करोड़ का कारोबार हुआ है।
केदारनाथ में हुआ ₹190 करोड़ से अधिक का कारोबार
केदारनाथ यात्रा इस साल स्थानीय व्यवसाइयों के लिहाज़ से बेहतर रही। सिर्फ़ यात्रा के टिकट, घोड़ा खच्चरों, हेली और डंडी कंडी के यात्रा के भाड़े की बात करें तो लगभग 190 करोड़ के आस-पास यह कारोबार हुआ है। केदारनाथ धाम इस बार घोड़े खच्चर व्यवसाइयों ने क़रीब एक अरब नौ करोड़ 28 लाख रुपए का रिकॉर्ड कारोबार किया। इससे सरकार को भी 8 करोड रुपए से ज्यादा का राजस्व मिला है।
केदारनाथ धाम के लिए 8664 घोड़े खच्चर थे पंजीकृत
यात्रा सुगम बनाने के लिए प्रशासन ने 4302 घोड़ा मालिकों के 8664 घोड़े खच्चर पंजीकृत किए थे। इस सीजन में 5.34 लाख तीर्थयात्रियों ने घोड़े खच्चरों की सवारी कर केदारनाथ तक यात्रा की। जबकि, डंडी-कंडी वालों ने 86 लाख रुपए की कमाई की। हेली कंपनियों ने 75 करोड़ 40 लाख रुपए का कारोबार किया। वहन, सीतापुर व सोनप्रयाग पार्किंग से लगभग 75 लाख का राजस्व सरकार को मिला।
यमुनोत्री में घोड़े खच्चरों वालों ने किया 21 करोड़ का कारोबार
यमुनोत्री में घोड़े खच्चरों वालों का लगभग 21 करोड़ का कारोबार इस साल हुआ है। यमनोत्री धाम में लगभग 2900 घोड़े खच्चर पंजीकृत हैं। ज़िला पंचायत के अनुसार इस साल यात्रा काल में 21 करोड़ 75 लाख का कारोबार हुआ है।
GMVN की अनुमानित आय भी ₹50 करोड़ के क़रीब
चारधाम यात्रा में यात्रा मार्ग के सभी होटल/होमस्टे, लाज और धर्मशालाएं भी गत छह महीने तक बुक रही। पिछले सालों तक GMVN आर्थिक नुक़सान झेल रहा था, इस साल अगस्त तक 40 करोड़ की आय कर चुका है। GMVN के प्रबंध निदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि यह आँकड़ा 50 करोड़ के क़रीब जाने का अनुमान है। इसके अलावा चारधाम यात्रा से जुड़े टैक्सी व्यवसायों ने भी पिछले सालों की औसत आय से तीन गुना अधिक का कारोबार किया है।
प्रधानमंत्री का आह्वान, 5% स्थानीय उत्पादों पर करें खर्च
प्रधानमंत्री ने गत 21 अक्टूबर को बदरीनाथ धाम स्थित माणा गाँव में वोकल फॉर लोकल का जिक्र करते हुए देशवासियों से आग्रह किया कि जहां भी जाएं, एक संकल्प करें कि यात्रा पर जितना भी खर्च करते हैं, उसका मात्र 5 प्रतिशत वहां के स्थानीय उत्पाद खरीदने पर खर्च करें। इससे स्थानीय लोगों इतनी रोजी रोटी मिल जायेगी, कि आप कल्पना भी नही कर सकते। ऐसे में चारधाम यात्रा में स्थानीय उत्पादों को भी भविष्य में बड़ा मार्केट मिलने की उम्मीद है।
घंटों की यात्रा मिनटों में होगी पूरी
गौरीकुण्ड-केदारनाथ और गोविंदघाट-हेमकुण्ट रोपवे परियोजनाओं का भी प्रधानमंत्री ने शिलान्यास किया था। इनके बनने से श्रद्धालुओं की घंटों की यात्रा मिनटों में पूरी होगी।
इस साल उत्साहवर्धक रही चारधाम यात्रा: धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा के सफल संचालन को लेकर ख़ुशी जताते हुए कहा कि इस बार की चारधाम यात्रा उत्साह वर्धक रही। प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिला है। सरकार का उद्देश्य पौराणिक मंदिरों को संवारने और उनको पर्यटन से जोड़ना है। सरकार के प्रयासों व कुशल यात्रा प्रबंधन की बदौलत 46 लाख यात्रियों ने इस वर्ष चार धाम यात्रा की। पिछले दो दशक में यह सबसे अधिक आँकड़ा है। केदारनाथ धाम में 15 लाख 36 हजार तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए।
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