-सर्वे की कार्यवाही दौरान श्री काशी विश्वनाथ धाम के आसपास एक किमी का दायरा छावनी में तब्दील रहा। ज्ञानवापी मस्जिद के पश्चिमी द्वार के तहखाने का सर्वे दोपहर 12 बजे तक पूरा कर लिया गया। शेष क्षेत्र और बेसमेंट का सर्वे रविवार को किया जाएगा। सर्वे से पहले ही मस्जिद परिसर को पूरी तरह से खाली करा लिया गया था।
अदालत के आदेश के बाद शनिवार की सुबह 8 बजे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कमीशन की कार्यवाही शुरू हुई। तहखाने के ताले खोलकर अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार मिश्र ने सर्वे शुरू किया। दो कमरों के ताले तो आसानी से खुल गए। लेकिन, तीसरे कमरे का ताला न खुलने के कारण उसे तोड़ना पड़ा। प्रशासन के अनुसार 50 फीसदी तक सर्वे का काम हो चुका है।
सर्वे की कार्यवाही दौरान श्री काशी विश्वनाथ धाम के आसपास एक किमी का दायरा छावनी में तब्दील रहा। ज्ञानवापी मस्जिद के पश्चिमी द्वार के तहखाने का सर्वे दोपहर 12 बजे तक पूरा कर लिया गया। शेष क्षेत्र और बेसमेंट का सर्वे रविवार को किया जाएगा। सर्वे से पहले ही मस्जिद परिसर को पूरी तरह से खाली करा लिया गया था।
जिला प्रशासन ने सुबह ही सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी थी। ज्ञानवापी परिसर से लगभग एक किमी पहले ही बैरिकेडिंग कर सभी को रोक दिया गया। गोदौलिया और मैदागिन से आने वाले सारे वाहनों को ज्ञानवापी की तरफ आने से रोक दिया गया। बाबा दरबार में आने वालों की भी जांच-पड़ताल की गई। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर डीजीपी और मुख्य सचिव लगातार मामले पर नजर बनाए हुए थे।
शनिवार सुबह 8 बजे तक पूरी टीम परिसर में दाखिल हुई। दोनों पक्षों की सहमति से एक-एक क्षेत्र का सर्वे शुरू किया गया। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार अधिवक्ता आयुक्त समेत वादी-प्रतिवादी पक्ष के कुल 52 सदस्यों ने मस्जिद परिसर में प्रवेश किया। सुरक्षा के मद्देनजर टीम के सभी लोगों का मोबाइल बाहर ही जमा कर लिया गया। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों के साथ सदस्यों की बहस भी हुई। इसके बाद मस्जिद कमेटी के सदस्यों ने अधिकारियों को कमरों की चाबियां सौंप दीं। पहले कमरे का ताला खोलकर कमीशन की टीम ने प्रवेश किया तो कमरे में अंधेरा था। इसके बाद बिजली का इंतजाम किया गया। तहखाने में एक-एक कर टीम के सदस्यों ने प्रवेश किया। प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में टीम ने साक्ष्यों को कैमरे में कैद किया।
गेट नंबर-4 पर बैरिकेडिंग के साथ ही काफी संख्या में पुलिस तैनात थी। चौक थाने के पास लगाई बैरिकेडिंग से उन्हीं को प्रवेश मिला, जिसका नाम पुलिस की लिस्ट में था। श्रद्धालुओं को गेट नंबर-एक से प्रवेश दिया गया। मंगला आरती के बाद से दोपहर एक बजे तक गेट नंबर-4 तक श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद रहा। श्रद्धालुओं को बांसफाटक से मोड़कर ढुंढिराज के रास्ते मंदिर में प्रवेश कराया गया।
ज्ञानवापी मस्जिद में कमीशन की कार्यवाही के चलते डेढ़ किमी इलाके को छावनी में तब्दील किया गया। सुबह आठ से 12 बजे तक चली कमीशन की कार्यवाही के चलते इन इलाकों की दुकानें बंद रहीं। 12 बजे के बाद दुकानें धीरे धीरे खुलीं। दोनों चौराहों के बीच बाजार पूरी तरह से बंद रहा। 12 बजे के बाद दुकानें खुलनी शुरू हुई।
दुकानदारों ने बताया कि घर से दुकान खोलने के निकले थे। लेकिन, रास्ता बंद होने के कारण दुकान तक नहीं जाने दिया गया।4-5 घंटे तक रास्ते खुलने का इंतजार करना पड़ा। कुछ दुकानदार बोलने से बचते नजर आए। कुछ ने कहा कि अपने मन से दुकानों को बंद किया था।
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