उत्तराखंड मीमांसा न्यूज (ब्यूरो)। राज्य में आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को देहरादून एयरपोर्ट पर आपदा राहत कार्यों की समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने आपदा से अलग-अलग क्षेत्रों में हुए नुकसान की जानकारी ली। साथ ही राहत, बचाव कार्यों की ताजा स्थिति और भविष्य की चुनौतियों पर राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह (सेनि.), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा व राज्य के सांसदों सहित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने धराली, थराली सहित राज्य के आपदा प्रभावित अन्य क्षेत्रों में संचालित राहत एवं बचाव अभियानों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के प्रयासों की सराहना की। साथ ही राहत बचाव कार्यों में जुटे राज्य व केंद्र सरकार के संगठनों के कार्मिकों से भेंटकर उनके अनुभव साझा किए और आपदा पीड़ितों से मुलाकात कर मदद का भरोसा दिलाया।
सीएम ने प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों की जानकारी दी
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य में आपदा से हुई क्षति तथा प्रभावित क्षेत्रों में संचालित राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव के अभियान पूरी तत्परता के साथ संचालित करने में केंद्र सरकार के संगठनों से भरपूर सहयोग मिला है। इससे प्रभावितों तक तेज गति से राहत पहुंचाना संभव हो सका। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों एवं सार्वजनिक परिसंपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचा है। प्रभावित इलाकों में बुनियादी सुविधाओं की बहाली के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है। इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य महेंद्र भट्ट, सांसद अजय भट्ट, त्रिवेंद्र रावत, अनिल बलूनी, माला राज्यलक्ष्मी शाह, नरेश बंसल, कल्पना सैनी, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ आदि उपस्थित रहे।
प्रेजेंटेशन के जरिए आपदा से हुए नुकसान की जानकारी दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राज्य में धराली समेत अन्य जगहों पर आई आपदा और उससे हुए नुकसान की जानकारी प्रेजेंटेशन के माध्यम से भी दी गई। सूत्रों के अनुसार इसमें प्रदेश में कितनी आपदाएं आईं, उससे कितना नुकसान हुआ है, विभागवार कितनी क्षति हुई है, उसकी जानकारी प्रस्तुत करने के साथ ही फोटोग्राफ, वीडियोग्राफ भी दिखाए गए। इसके अलावा निजी संपत्तियों के नुकसान की जानकारी भी दी गई। बताया जाता है कि निजी संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए सहायता देने का अनुरोध किया। प्रेजेंटेशन में उच्चाधिकारियों ने आपदा के बाद चले रेस्क्यू आपरेशन, चुनौतियां और वर्तमान स्थितियों के बारे में भी अवगत कराया गया।


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