बनबसा बॉर्डर से पिछले दो दिन में कोई भी भारतीय नेपाल नहीं गया। खटीमा में भारत-नेपाल की खुली अंतरराष्ट्रीय सीमा से भी बुधवार सुबह भारत आ रहे नेपाली नागरिकों को एसएसबी और पुलिस के जवानों ने लौटा दिया।
उत्तराखंड मीमांसा न्यूज (ब्यूरो)। उत्तराखंड की लगभग 250 किलोमीटर लंबी सीमा नेपाल से लगी हुई है। पड़ोसी देश में चल रही भारी हिंसा के बीच सीमा पर नाकेबंदी कर दी गई है। दो दिन से नेपाल से न तो किसी को भारत आने दिया जा रहा है और न किसी को एसएसबी चौकियों से नेपाल जाने के लिए एंट्री दी जा रही है। अत्यंत आवश्यक कार्यों या गंभीर रूप से बीमारों को कड़ी पूछताछ और उनके कागजात देखने के बाद ही भारत आने दिया जा रहा है।
बनबसा बॉर्डर से पिछले दो दिन में कोई भी भारतीय नेपाल नहीं गया। खटीमा में भारत-नेपाल की खुली अंतरराष्ट्रीय सीमा से भी बुधवार सुबह भारत आ रहे नेपाली नागरिकों को एसएसबी और पुलिस के जवानों ने लौटा दिया। भारत से भी कोई व्यक्ति नेपाल नहीं जा पाया। नेपाली नागरिकों की आवाजाही प्रतिबंधित किए जाने से खटीमा के मेलाघाट बाजार में कारोबार प्रभावित रहा। बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। मेलाघाट व्यापार मंडल के अध्यक्ष अनिल कुमार ने बताया कि अधिकतर व्यापारियों ने दुकानें बंद रखीं।
टनकपुर से सटी नेपाल की ब्रह्मदेव मंडी में आवश्यक सामग्री की कुछ दुकानों को छोड़कर बुधवार को अन्य दुकानें बंद रहीं। बनबसा में भी दो दिन से आम नेपाली खरीदार नहीं आया। व्यापार मंडल अध्यक्ष भरत भंडारी ने बताया कि बनबसा का करीब 80 फीसदी कारोबार नेपाल पर निर्भर है। पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने आशंका जताई कि नेपाल में हुई हिंसक घटनाओं के बाद इस बार दशहरा और दीपावली पर्व पर कारोबार फीका रह सकता है।
टनकपुर व्यापार मंडल अध्यक्ष वैभव अग्रवाल ने कहा कि नेपाल से ग्राहक न आने से प्रतिदिन करीब 5 से 7 लाख रुपये का व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। किराना व्यापारी नीरज जुकरिया ने बताया कि मंगलवार को ग्राहक आए थे। बुधवार को कोई नहीं आया। उनका तो उधारी भी नेपाली ग्राहकों के साथ रहती है।
पिथौरागढ़ जिले में सीमा पर बसे झूलाघाट बाजार में भी सन्नाटा रहा। यहां का लगभग 90 प्रतिशत कारोबार नेपाली नागरिकों पर निर्भर है। नेपाल में बवाल को देखते हुए धारचूला में भारत-नेपाल को जोड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय झूलापुल को एहतियान बुधवार को निर्धारित समय से 50 मिनट देरी से खोला गया। सुबह छह बजे खुलने वाला पुल 6:50 पर खोला गया। एसएसबी के साथ ही पुलिस और कस्टम के कर्मचारी काली नदी किनारे गश्त कर रहे हैं। डॉग स्क्वायड की भी मदद ली जा रही है। पिथौरागढ़ की पुलिस अधीक्षक रेखा यादव ने बताया कि भारत-नेपाल सीमा पर स्थित थानों और चौकियों की पुलिस को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
झनकईया थाना क्षेत्र में नेपाल बॉर्डर से सटे इलाकों में एसएसबी की तीन पोस्ट पर एक प्लाटून पीएसी तैनात की गई है। तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ हिमांशु बागरी से भी गश्त के लिए वनकर्मी मुहैया कराने के लिए वार्ता की गई है। नेपाल से जो लोग अवैध तरीके से आएंगे उनको टीम वापस भेजगी। फिलहाल इन क्षेत्रों में नेपाल से कोई व्यक्ति नहीं आया है।
मणिकांत मिश्रा, एसएसपी, ऊधमसिंह नगर


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