जीएसटी 2.0 के तहत 453 में से 413 वस्तुओं पर टैक्स दरें घटाई गईं। जबकि, सिर्फ 40 पर बढ़ीं। 295 जरूरी वस्तुओं, खासकर खाद्य पदार्थों पर टैक्स 12% से घटाकर 5% या शून्य किया गया है। इससे 2026-27 तक खुदरा महंगाई में 0.75% तक कमी आ सकती है। एसबीआई रिपोर्ट के मुताबिक इससे राजकोषीय घाटे पर कोई असर नहीं पड़ेगा और बीमा क्षेत्र को भी दोहरी राहत मिलेगी।
उत्तराखंड मीमांसा न्यूज (ब्यूरो)। एसटी 2.0 में 453 वस्तुओं में से 413 की दरों में कमी की गई है। केवल 40 सामानों पर टैक्स को बढ़ाया गया है। लगभग 295 ऐसी वस्तुएं हैं, जिन पर 12 के बजाय केवल पांच फीसदी या शून्य कर लगे हैं। एसबीआई रिपोर्ट का अनुमान है कि 2026-27 में सरकार को केवल 25,794 करोड़ रुपये का घाटा होगा। चालू वित्त वर्ष के 6 महीनों (अक्तूबर-मार्च) के बीच सिर्फ 3,700 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन 295 जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी दर 12 से घटकर 5 फीसदी या शून्य हो गई है, उनमें ज्यादातर खाद्य पदार्थ हैं।
ऐसे में 2026-27 में खुदरा महंगाई में इस क्षेत्र से 0.25 से 0.30 फीसदी तक कमी आ सकती है। सेवाओं की दरों को युक्तिसंगत बनाने से भी महंगाई में 0.40 से 0.45 फीसदी तक कमी आने की उम्मीद है। इस तरह कुल 0.75 फीसदी की कमी आने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष में सरकार को कुल 48,000 करोड़ का घाटा होगा। पर खपत में वृद्धि के आधार पर यह शुद्ध रूप से कम होकर केवल 3,700 करोड़ रुपये रह जाएगा। इसका राजकोषीय घाटे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। बीमा क्षेत्र में जीएसटी खत्म करने से दो तरह से मदद मिलेगी। पहला, मौजूदा परिवार स्वास्थ्य बीमा में बीमित राशि बढ़ा सकते हैं। दूसरा, पहली बार बीमा खरीदने वालों को स्वास्थ्य और टर्म बीमा आकर्षित कर सकते हैं।
257 वस्तुओं पर 12 से घटकर 5% टैक्स
रिपोर्ट के अनुसार, 38 वस्तुएं ऐसी हैं जिन पर 12 फीसदी टैक्स लगता था, अब यह शून्य हो गया है। दो वस्तुओं पर 18 से पांच फीसदी टैक्स किया गया है। 5 फीसदी से शून्य के दायरे में 9 वस्तुओं को लाया गया है। 257 वस्तुओं पर 12 फीसदी टैक्स लगता था। अब यह घटकर 5 फीसदी पर आ गया है। 56 वस्तुएं ऐसी हैं, जिन्हें 18 से पांच फीसदी के दायरे में लाया गया है। 29 को 28 से 18 फीसदी के दायरे में लाया गया है। आईजीएसटी में 20 वस्तुओं पर 18 से शून्य टैक्स किया गया है।
17 वस्तुओं पर 28 से बढ़कर 40 फीसदी टैक्स
17 वस्तुएं ऐसी हैं, जिन पर पहले 28 फीसदी टैक्स था। अब 40 फीसदी कर दिया गया है। 19 वस्तुओं को 12 फीसदी से निकालकर 18 फीसदी में ला दिया गया है। 18 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी टैक्स 56 वस्तुओं पर किया गया है। 29 सामानों पर 28 से घटाकर 18 फीसदी किया गया है। सबसे ज्यादा खाद्य पदार्थ क्षेत्र में राहत दी गई है। इसमें 47 आइटम को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी दायरे में लाया गया। 23 को 18 से घटाकर 5 फीसदी में लाया गया। 5 वस्तुओं पर शून्य टैक्स है जो पहले 5 फीसदी था।
तंबाकू-शराब पर राज्य अपने हिसाब से भी लगा सकते हैं शुल्क
तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी की दर 14%+14%=28 फीसदी थी। साथ ही 11 से 290% तक का उपकर भी था। क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त होने तक तंबाकू उपकर जारी रहने की संभावना है। हालांकि, राज्य तंबाकू और शराब पर उत्पाद शुल्क जीएसटी परिषद की मंजूरी के बिना लगाया जा सकता है।
रिन्यूएबल एनर्जी पर भी फोकस
रिन्यूएबल एनर्जी में 40 वस्तुओं पर 12 से घटाकर 5 फीसदी टैक्स किया गया है। स्वास्थ्य में 12 से शून्य 33 वस्तुएं और 25 वस्तुओं पर 12 से कम करके 5 फीसदी किया गया है। उर्वरक में 17 सामानों पर 18 से घटाकर 5 फीसदी टैक्स किया गया है।
31 वस्तुओं पर आम आदमी को राहत
आम आदमी से जुड़ी 31 वस्तुओं पर राहत दी गई है। इसमें 25 पर 12 फीसदी टैक्स को घटाकर 5 फीसदी किया गया है। 6 पर 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया है। यातायात में 17 वस्तुओं पर 28 से घटकर 18 फीसदी टैक्स हो गया है।
25,794 करोड़ घाटे का अनुमान
2026-27 में कुल 1,11,600 करोड़ का घाटा होगा। टैक्स बढ़ाने से राजस्व 54,000 करोड़ बढ़ेगा। टैक्स राजस्व में तेजी से 31,806 करोड़ मिलेंगे। शुद्ध घाटा 25,794 करोड़ हो गया है।


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