जीके पिपिल
देहरादून।

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गज़ल
चिराग़ों को बेचकर कभी उजाले नहीं खरीदे जाते
ख़ाली पड़ी तिज़ोरी के लिए ताले नहीं खरीदे जाते
समय के सोपानों पर बदल जाती हैं युद्ध की चीज़ें
आज ड्रोन के युग में बरछी भाले नहीं खरीदे जाते
राहों की दुश्वारियों से पड़ते हैं राही के पांव में छाले
मंज़िल को दिखाने के लिए छाले नहीं खरीदे जाते
या ख़ुदा उन मुफलिसों का और इम्तिहान नहीं लेना
जिनसे अपने बदन बेचकर निवाले नहीं खरीदे जाते
सिर्फ़ हिंसा का ही नहीं प्रेम का प्रतीक भी है लाल
उपहार के वास्ते भी गुलाब काले नहीं खरीदे जाते
ख़ुमारी में रहना है तो किसी से मोहब्बत कर लेना
सिर्फ़ यही शराब है जिसमें प्याले नहीं खरीदे जाते
14082025


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