December 16, 2025

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भारत झुकने वाला नहीं, अमेरिका ने भी माना, ट्रंप के वित्त मंत्री तिलमिलाए

अमेरिकी सरकार ने भारत पर भारी-भरकम टैरिफ का एलान कर दिया है। लेकिन, भारत के साथ व्यापार समझौता करने के लिए छटपटा रहे हैं। हालांकि, भारत अपनी शर्तों पर अड़ा है। इससे अमेरिका में खीझ है, जो वहां के वित्त मंत्री के बयान में दिखाई दी है।

उत्तराखंड मीमांसा न्यूज (ब्यूरो)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर भारी-भरकम टैरिफ लगा चुके हैं। हालांकि अमेरिका को अभी भी उम्मीद है कि वे भारत के साथ व्यापार समझौता कर सकते हैं। अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने अपने बयान में ऐसे संकेत दिए। उन्होंने ये भी माना कि व्यापार वार्ता के लिए भारत का रवैया थोड़ा अड़ियल है। स्कॉट बेसेंट ने मंगलवार को कहा कि भारत, अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में अड़ियल रुख अपनाए हुए है।

उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीद का हवाला देते हुए भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। इससे पहले भी ट्रंप, भारत पर 25 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ लगाने की घोषणा कर चुके थे। इस तरह अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगा दिया है। अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ आगामी 27 अगस्त से लागू होगा।

अक्तूबर तक टैरिफ वार्ता पूरी होने की उम्मीद : स्कॉट बेसेंट
कार्यक्रम के दौरान स्कॉट बेसेंट ने कहा कि स्विट्जरलैंड और भारत सहित कुछ बड़े व्यापार सौदे अभी भी होने या उन पर सहमति बाकी हैं। उन्होंने अक्तूबर तक टैरिफ वार्ता पूरी होने की उम्मीद जताई। कहा कि ‘स्विट्जरलैंड के साथ बातचीत चल रही है। भारत थोड़ा अड़ियल रहा है। मुझे लगता है कि हम सभी बड़े देशों के साथ व्यापार समझौते की शर्तों पर सहमत हो गए हैं। अक्तूबर तक टैरिफ वार्ता हो जाएगी।

डेयरी और कृषि क्षेत्र को खोलने की मांग कर रहा अमेरिका
अमेरिका व्यापार समझौते के तहत भारत के डेयरी और कृषि क्षेत्र को खोलने की मांग कर रहा है। लेकिन, भारत इसके लिए तैयार नहीं है। इसकी वजह है कि हमारे देश में करोड़ों छोटे किसान हैं, वे अमेरिका के कृषि सेक्टर का मुकाबला नहीं कर पाएंगे। ऐसे में कृषि सेक्टर को अमेरिका के लिए खोल दिया गया तो इन करोड़ों किसानों और पशुपालकों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो जाएगी।

भारत ने टैरिफ को अनुचित और अतार्किक बताया
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने 6 अगस्त को भारत से आयात पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिससे भारत पर कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया। अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने के आरोप में ये टैरिफ लगाया है। हालांकि, भारत ने इसका विरोध करते हुए इस टैरिफ को अनुचित और अतार्किक बताया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।

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