संजीव ने सुनियोजित षड्यंत्र के तहत तहसीलदार को दिया 2.5 करोड़ रुपये का चैक। डीएम के निर्देश हुई कार्रवाई। राज्य सरकार से धोखाधड़ी, राजस्व वसूली, चैक बाउंस और राजकीय कार्य में बाधा पहुंचाने पर दर्ज कराई गई एफआईआर। डीएम ने करवाई वसूली की। वहीं, डीएम के निर्देश पर एसडीएम सदर और तहसीलदार सदर वसूली के लिए तेजी से कार्रवाई कर रहे हैं।
(Uttarakhand Meemansa News)। राज्य सरकार के साथ धोखाधड़ी करने पर 10 करोड़ के बकायादार संजीव थपलियाल के खिलाफ डीएम के आदेश पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। थपलियाल पर राज्य सरकार से धोखाधड़ी के साथ ही राजस्व वसूली, चैक बाउंस व राजकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का भी आरोप है।
गौरतलब है कि जनपद में राजस्व वसूली को लेकर डीएम सविन बंसल ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देश दिए गए। जिसके क्रम में जनपद में लगातार संबंधित अधिकारी तेजी से काम कर रहे हैं।बड़े बकायादारों अचल संपत्ति कुर्क और नीलामी कर राजस्व वसूला जा रहा हैं। वहीं, एसडीएम सदर कुमकुम जोशी शहर में बड़े बकायदारों पर निरंतर वसूली की कार्रवाई कर रही हैं। इसी के तहत संजीव थपलियाल पर कार्रवाई हुई है।
घटनाक्रम के अनुसार तहसील सदर के प्रांगण में कुर्कशुदा अचल सम्पत्ति को सार्वजनिक रूप से नीलाम किया गया था, जिसमें कुल चार बोलीदाता सौरभ ममगाईं, नीरज सिंह नेगी, गोपाल दत्त भारद्वाज और संजीव थपलियाल उपस्थित हुए थे। नीलामी की प्रकिया से पूर्व उपस्थित बोलीदाताओं के समक्ष नीलामी की शर्तों को पढ़ा गया था। नीलामी सर्वप्रथम मौजा चक अजबपुर कला के चार खसरा नम्बरों के कुल रकबा 0.1472 है0 के लिए करायी गयी।उपस्थित बोलीदाताओं में सर्वोच्च बोलीदाता संजीव थपलियाल निवासी ई०-5 फ्रेन्ड्स एन्कलेव शाह नगर पो०ओ० डिफेन्स कालोनी देहरादून द्वारा रु० मु० 10,00,000,000/- (दस करोड़ रुपये मात्र) की बोली लगाने पर उनके नाम पर नीलाम छोड़ा गया।
नीलाम की शर्तों के अनुसार संजीव थपलियाल द्वारा कुल नीलाम धनराशि का 1/4 भाग अर्थात् 2,50,00,000/- (दो करोड़ पचास लाख रु० मात्र) का चैक जो कि तहसीलदार (सदर) देहरादून के पक्ष में देय था, को उसी दिन नीलामी के तुरन्त बाद उपलब्ध करा दिया गया था। लेकिन, सौरभ ने उक्त चैक के भुगतान पर स्टॉप पेमेन्ट करा दिया।जिससे कारण राज्य सरकार की ओर से राज्य हित व राजस्व वसूली की कार्यवाही बाधित हुयी।
नीलामी प्राप्तकर्ता संजीव थपलियाल ने जानबूझकर उक्त प्रक्रिया में सम्मिलित होते हुए नीलामी अपने नाम ली और फिर की गयी प्रक्रिया को सुनियोजित षडयंत्र के तहत पहले चैक दिया और फिर उस चैक का स्टॉप पेमेन्ट करा दिया जो कि स्पष्ट रूप से राज्य सरकार के साथ धोखाधड़ी करते हुए सरकार को राजस्व वसूली में बाधा उत्पन्न करते हुए राजकीय कार्य बाधित किया गया। इस प्रकार संजीव थपलियाल का उक्त कृत्य गम्भीर प्रकृति का अपराध है, जो बकायेदार के साथ मिलकर उक्त आपराधिक कृत्य करने की सम्भावना व्यक्त करता है। उक्तानुसार संजीव थपलियाल के विरुद्ध धोखाधड़ी, राजकीय कार्य में बाधा व लोक सेवक के साथ कपट करने के कारण बीएनएस 2024 के तहत मुकदमा दर्ज करवाया गया है।
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