कांग्रेस ने मेयर सुनील उनियाल गामा पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया है। इस पर मेयर ने आज मीडिया के सामने स्थिति साफ की। कहा कि उन्होंने सारी संपत्तियां घोषित की हुई हैं। उनकी कोई भी बेनामी सम्पत्ति नहीं है।
देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले को लेकर उन पर कांग्रेस की ओर से लगाए आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मैंने 18 साल की उम्र से काम शुरू किया। इसके बाद 2012 तक कुछ संपत्तियां ली। ठेकेदारी अच्छी चलती थी। लेकिन, नगर निगम बनने के बाद मैंने निकाय में ठेकेदारी छोड़ दी। मेयर बनने के बाद मैंने अपने सारे लाइसेंस भी निरस्त करवा दिए थे।
घोषणा पत्र में दिखाई हैं ढाई करोड़ तक की संपत्तियां
गामा ने कहा कि 2012 के बाद मैंने कुछ संपत्तियां खरीदी। 2017 में अपने चुनावी घोषणा पत्र में ढाई करोड़ तक की संपत्तियां दिखाई थी। उनमें से मैंने अपनी कई संपत्तियां बेची और संपत्तियों की दरें बढ़ी। जिसका केवल मुझे ही नहीं सबको फायदा हुआ। जब कुछ संपत्तियां बेची हैं, तो कुछ खरीदी भी हैं।
2012 में महंत जी से किया था आवेदन
दरबार साहिब से जमीन लीज पर लेने के मामले में सफाई देते हुए गामा ने कहा कि मैंने 2012 में महंत जी से आवेदन किया कि मुझे भी एक छोटा सा टुकड़ा दुकान बनाने के लिए दे दें। महंत जी ने किराए पर मुझे प्लॉट दिया। ऐसे में उस बात को मेयर बनने के बाद से क्यों जोड़ा जा रहा है।
मेरा कोई पेट्रोल पंप नहीं है: गामा
गामा ने सच्चाई बताते हुए कहा कि मेरा कोई पेट्रोल पंप नहीं है। मैंने सारी संपत्तियां घोषित की हुई हैं। मेरी कोई बेनामी संपत्ति भी नहीं है। मैंने अपनी संपत्तियों का खुलासा इनकम टैक्स में भी किया हुआ है। मैंने कुछ छिपाया नहीं है।
भ्रष्टाचार के मामले में मौन बैठी हुई है सरकार: कांग्रेस
मेयर गामा पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपों पर कांग्रेस ने सरकार से सवाल किया है कि क्या वह मेयर पर लगे आरोपों के खिलाफ जांच बैठाएगी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि जिस प्रकार से मेयर की संपत्ति पिछले चार साल में तेजी से बढ़ी है, वह आश्चर्य की बात है। पिछले दो-तीन दिन से मेयर सुनील उनियाल गामा के प्रपत्र सोशल मीडिया में घूम रहे हैं। इसमें मेयर की संपत्ति से संबंधित ब्योरा दिया गया है। कहा कि आश्चर्य की बात है कि पिछले चार साल में मेयर की संपत्ति में 10 गुना बढ़ोतरी हो गई है। आरटीआई में खुलासा हुआ है कि मेयर बनने के बाद उन्होंने पांच करोड़ 32 लाख की संपत्ति खरीदी है। जिनका बाजार मूल्य 20 करोड़ रुपये है। लेकिन, इस मामले में सरकार मौन बैठी हुई है।
मेयर को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए: माहरा
माहरा ने कहा कि मेयर को इस मामले में जवाब देना चाहिए। मामले में वह मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच की मांग करेंगे। साथ ही कहा कि जांच पूरी होने तक मेयर को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
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