–ऑटो और बस यूनियनों के वाहन चालक देहरादून के बन्नू स्कूल में इकट्ठा हुए। प्रदेशभर से वाहन स्वामी बड़ी संख्या में देहरादून पहुंचे। बन्नू स्कूल से रैली के रूप में उन्होंने विधानसभा कूच किया। विक्रम, ऑटो, बस और ट्रकों के चक्का जाम से लोगों को भरी परेशानी का सामना करना पड़ा।
ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर की अनिवार्यता और देहरादून, हरिद्वार जनपद में 10 साल से पुराने विक्रम, ऑटो बंद करने के विरोध में वाहन स्वामियों ने आज पूरे राज्य में चक्काजाम किया। गढ़वाल और कुमाऊं की 20 अलग-अलग यूनियनें चक्काजाम में शामिल रही। देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर जिले में चक्का जाम का खासा असर रहा।
ऑटो और बस यूनियनों के वाहन चालक देहरादून के बन्नू स्कूल में इकट्ठा हुए। प्रदेशभर से वाहन स्वामी बड़ी संख्या में देहरादून पहुंचे। बन्नू स्कूल से रैली के रूप में उन्होंने विधानसभा कूच किया। वाहन स्वामी हाथों में कटोरा लेकर विधानसभा घेराव करने निकले। पुलिस ने बेरिकेडिंग उन्हे लगाकर रोक दिया। वाहन स्वामी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए।
दूसरी तरफ, चक्का जाम से लोग परेशान रहे। सिटी बस सेवा महासंघ के अध्यक्ष विजयवर्धन डंडरियाल ने कहा कि आरटीए ने केंद्र के नियमों के विपरीत डीजल वाहनों पर प्रतिबंध का निर्णय लिया है। परिवहन विभाग ने डोईवाला के ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर में गलत तरीके से वाहनों की फिटनेस अनिवार्य की है। इस पर उनका खुला विरोध है।
सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी से करीब दो घंटे हुई वार्ता रही विफल
सोमवार को विक्रम, ऑटो, सिटी बस यूनियनों के पदाधिकारियों की परिवहन मंत्री चंदन रामदास के आवास पर सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी से करीब दो घंटे वार्ता हुई। लेकिन, वार्ता विफल हो गई थी। इसके बाद परिवहन सचिव ने सभी जिलों के डीएम, एसएसपी, आरटीओ, एआरटीओ को पत्र भेजकर चक्काजाम होने पर वैकल्पिक व्यवस्था बनाने को कहा था। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने फिटनेस टेस्टिंग को त्रुटि रहित बनाने के लिए पांच अप्रैल को नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके तहत मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन किया गया है। इसी के तहत ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटरों की व्यवस्था की जा रही है। देहरादून के डोईवाला और ऊधमसिंह नगर के रुद्रपुर में निजी सहभागिता से फिटनेस सेंटर शुरू हो चुके हैं। बाकी जगहों पर सेंटर बनने तक पहले की तरह वाहनों की फिटनेस जांच हो रही है।
विक्रम जनकल्याण सेवा समिति विधानसभा कुछ किया, चक्काजाम नहीं
देहरादून में विक्रम जनकल्याण सेवा समिति चक्काजाम से पीछे हट गई थी। समिति के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार ने बताया कि विक्रम मालिक विधानसभा कूच में शामिल हुए, लेकिन जनता की मांग को देखते हुए विक्रमों का संचालन सभी रूटों पर जारी रहा। समिति के तहत राजधानी में 794 विक्रमों का संचालन होता है।
वाहन स्वामियों की मांग
-ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर पर वाहनों की फिटनेस जांच अनिवार्यता एक अप्रैल 2023 और जून 2024 तय की गई है। उत्तराखंड में भी अनिवार्यता उसी हिसाब से लागू हो। फिलहाल ऑटोमेटेड फिटनेस अनिवार्यता को खत्म किया जाए।
-एनजीटी के आदेश के तहत 10 साल उम्र पूरी करने वाले ऑटो, विक्रम और अन्य डीजल वाहनों को अपडेट किया जाए। इनके संचालन बंद करने का आरटीए देहरादून का फैसला वापस लिया जाए।
-राज्य के प्रत्येक जनपद में कम से कम दो-दो फिटनेस सेंटर खोले जाएं। तब तक पुरानी व्यवस्था को ही लागू रखा जाए।
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