–तीन दिवसीय सशक्त उत्तराखण्ड @25 चिंतन शिविर संपन्न। समापन पर मुख्यमंत्री के साथ ही कई कैबिनेट मंत्री भी रहे मौजूद

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी में आयोजित तीन दिवसीय सशक्त उत्तराखण्ड @ 2025 चितंन शिविर गुरुवार को संपन्न हो गया। समापन सत्र में संबोधित करते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कहा कि 2025 तक उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए गत तीन दिनों से जो मंथन हुआ, आने वाले समय में इसके सुखद परिणाम मिलेंगे। राज्य के विकास के लिए अधिकारी जो रोडमैप बना रहे हैं, उसका प्रस्तुतीकरण देखकर अच्छा प्रतीत हो रहा है। अधिकारियों ने राज्य हित से जुड़ विषयों पर काफी मेहनत की है। चिंतन शिविर में आए सुझावों को कार्ययोजना में लाया जायेगा। महत्वपूर्ण सुझावों को कैबिनेट में भी रखा जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के मंत्र के साथ हमें आगे बढ़ना है। राज्य के समग्र विकास के लिए गांवों का विकास जरूरी है। गांवों में जन प्रतिनिधियों व अधिकारियों को चौपाल लगाकर जन समस्याएं सुननी होंगी ताकि उन समस्याओं का जल्द समाधान हो।

धामी ने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि जन समस्याओं का समाधान जल्द हो यह सुनिश्चित कराया जाय। जिन समस्याओं का समाधान तहसील या जिला स्तर पर हो सकता है, वह अनावश्यक रूप से शासन, मंत्रियों व मुख्यमंत्री तक न पहुंचे। इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। स्वच्छ भारत अभियान के साथ ‘टीम उत्तराखंड’ की थीम लेकर हमें आगे बढ़ना है। जो अच्छा काम करने वाले अधिकारी हैं, उनको प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। इसके लिए उत्कृष्टता पुरस्कार की व्यवस्था की जाए। इस तरह का आयोजन अगले छह माह में फिर से करने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि एक सामान्य व्यक्ति जैसे सोचता है, वैसे ही सरल तरीके से लोगों की समस्याओं का समाधान करने पर ध्यान केंद्रित करें। यह भी अच्छी पहल है कि कि जूनियर अधिकारी प्रस्तुतिकरण दे रहे थे और सीनियर सवाल कर रहे थे।
इस अवसर पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन आदि मौजूद रहे।

शहरी क्षेत्रों के साथ पर्वतीय क्षेत्रों का सुनियोजित विकास हो
कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि चिंतन शिविर में विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञों ने जो मंथन किया, इसके सुखद परिणाम मिलेंगे। राजस्व व्यय कम करने की दिशा में प्रयास करने होंगे। राज्य में आय के स्रोतों को बढ़ाना होगा। राज्य के समग्र विकास के लिए शहरी क्षेत्रों के साथ पर्वतीय क्षेत्रों का सुनियोजित विकास हो, इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है। केंद्र पोषित योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाय। विभिन्न कार्यों व योजना के लिए केंद्र से प्राप्त होने वाली धनराशि को समय पर व्यय किया जाय।

शीतकालीन यात्रा को भी बढ़ावा देना होगा
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि इस प्रकार के चिंतन शिविर समय-समय पर होते रहने चाहिए। जिससे राज्य हित में योजनाएं बन सके। जन सुविधा की प्रक्रियाओं के सरलीकरण की दिशा में प्रयास किए जाय। चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को हरसंभव सुविधा मिले, इस दिशा में और प्रयास किए जाय। राज्य में शीतकालीन यात्रा को भी बढ़ावा देना होगा। राज्य में एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन को बढ़ावा देने से राज्य की आर्थिकी में तेजी से वृद्धि होगी। उत्तराखण्ड की संस्कृति के संरक्षण के लिए भी और प्रयासों की जरूरत है। पंचायतों को सशक्त बनाने की दिशा में हमें और प्रयास करने होंगे।

विभागों को आपसी समन्वय से काम करने होंगे
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि 2025 में जब राज्य स्थापना की रजत जयंती मनाएगा, तब तक अपने विभागों के माध्यम से राज्य के विकास में हम क्या महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, इसके लिए विभागों को आपसी समन्वय से काम करने होंगे। उन्होने कहा कि वह सौभाग्यशाली हैं कि राज्य में जय जवान, जय किसान को सशक्त बनाने की जिम्मेदारी उन्हें दी गई है। उत्पादों में आंकड़ों के बजाय गुणवत्ता पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। अधिकारी सुनिश्चित करें कि योजनाओं का लाभार्थियों तक लाभ समय पर पहुंचे।

जिलाधिकारियों को और अधिक अधिकार मिले
कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि चिंतन शिविर राज्य को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने में सहायक होगा। इस तरह का चिंतन शिविर विभागवार भी होना चाहिए। जिलाधिकारियों को और अधिक अधिकार मिले, हमें इस दिशा में सोचना होगा। अच्छे कार्य करने वाले अधिकारियों को सराहना होनी चाहिए। 2025 तक हमें 5 संकल्प पर कार्य करना होगा। सम्पूर्ण शिक्षा, भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड, क्षय रोग मुक्त उत्तराखंड, गरीबी व नशा मुक्त उत्तराखंड के संकल्प को पूरा करना होगा।

हर्बल सेक्टर में भी लोगों को जागरूक करने की जरूरत
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य के समग्र विकास के लिए कार्यपालिका व विधायिका के बीच सही समन्वय जरूरी है। जंगलों को बचाने के लिए व लोगों की आजीविका को बढ़ाने के लिए सामुदायिक सहभागिता पर विशेष ध्यान देना होगा। वन पंचायतों के माध्यम से लोगों की आजीविका बढ़ाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। इको टूरिज्म की संभावनाओं को और बढ़ाना होगा। एरोमेटिक फार्मिंग की दिशा में राज्य में प्रबल संभावनाएं हैं। इसके लिए स्थानीय लोगों को एरोमेटिक फार्मिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाय। साइंटिफिक तरीके से नदियों, नालों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में प्रयास करने होंगे। हर्बल सेक्टर में भी लोगों को जागरूक किया जाय।

महिला व युवाओं के सशक्तिकरण की दिशा में विशेष ध्यान देना होगा
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि उत्तराखण्ड को अग्रणी राज्य बनाने के लिए महिला व युवाओं के सशक्तिकरण की दिशा में विशेष ध्यान देना होगा। महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार अनेक प्रयास कर रही है। युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।

परिवहन विभाग ने की 35 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि
कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास ने कहा कि हम बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। तीन साल में राज्य में परिवहन विभाग ने 35 प्रतिशत राजस्व वृद्धि की है। एमएसएमई के तहत राज्य में तेजी से कार्य हो रहे हैं। हमें पर्वतीय क्षेत्रों में लघु उद्योगों को तेजी से बढ़ावा देना होगा।

मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में हमें इनोवेटिव मार्केटिंग की जरूरत
कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि मत्स्य पालन के क्षेत्र में लोगों की आजीविका बढ़ाने के राज्य में विशेषकर पर्वतीय जनपदों में विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों की आय बढ़ाने के लिए यह अच्छा सैक्टर है। मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में हमें इनोवेटिव मार्केटिंग की जरूरत है। उत्तरा फिश प्रोजेक्ट को प्रारम्भ किया गया है। राज्य में वेटनरी एम्बुलेंस को लांच किया गया है। डेरी उत्पादों को राज्य में प्रमोट किया गया है। राज्य में गोट वैली कांसेप्ट पर काम किया जा रहा है।


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