December 24, 2024

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रेप के मामले में महिला जांच अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश

-विवाहित महिला से दुष्कर्म व जान से मारने की धमकी देने के मामले में एफटीएससी कोर्ट न्यायाधीश कुमारी कुसुम शानी ने अभियुक्त को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया। आरोपी युवक 35 दिन जेल में रहने के बाद फिलहाल जमानत पर था। कोर्ट ने महिला जांच अधिकारी की लापरवाही पाई

(Uttarakhand Meemansa News)। विवाहित महिला से दुष्कर्म व जान से मारने की धमकी देने के मामले में न्यायाधीश कुमारी कुसुम शानी (एफटीएससी कोर्ट) ने अभियुक्त रमेश नाथ को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया। जबकि, कोर्ट ने एसएसपी हरिद्वार को केस की महिला विवेचक प्रियंका इजराल के विरुद्ध लापरवाही बरतने पर कार्यवाही के आदेश दिए हैं।

ज्वालापुर क्षेत्र में 11 जुलाई 2018 को आरोपी के खिलाफ दुराचार व जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने मामले में कार्रवाई कर आरोपी रमेश नाथ शिष्य शिवनाथ निवासी धुना मंदिर ऊंची सड़क ज्वालापुर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। आरोपी युवक 35 दिन जेल में रहने के बाद फिलहाल जमानत पर था।

ज्वालापुर पुलिस ने मामले में त्वरित विवेचना कर आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया था। मामले में गवाही देते हुए शिकायतकर्ता/पीड़िता अपने बयान से मुकर गई। पीड़िता ने पुलिस व कोर्ट में मजिस्ट्रेट को दिए बयान का समर्थन भी नही किया। जिससे आरोपी युवक के खिलाफ ठोस सबूत पेश न होने पर विशेष कोर्ट ने उसे दोषमुक्त कर दिया है।

विशेष कोर्ट में केस विचारण के दौरान केस की महिला विवेचक एसआई प्रियंका इजराल ने बताया कि उसके द्वारा पीड़िता व अभियुक्त के डीएनए परिक्षण के ब्लड सैंपल एफएसएल देहरादून नही भेजे गए। जिस पर विशेष कोर्ट ने संबंधित विवेचक की लापरवाही पाई। एसएसपी हरिद्वार को उक्त आदेश की एक प्रति भेजते हुए संबंधित महिला विवेचक विरुद्ध चार सप्ताह में आख्या रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।

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