– यूनेस्को की विश्व धरोहर वैली ऑफ फ्लावर में फूलों की 300 से ज्यादा प्रजातियां हैं। घाटी खोलने के लिए पर्यटन विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली है।
यूनेस्को की विश्व धरोहर फूलों की घाटी बुधवार से पर्यटकों के लिए खुलने जा रही है। पर्यटन विभाग ने इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। पर्यटकों की सभी जरूरतों का ख्याल रखा जाएगा। यहां फूलों की 300 से ज्यादा प्रजातियां हैं।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि विभागीय स्तर पर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि समुद्रतल से 3962 मीटर ऊंचाई पर यह घाटी 87.5 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली हुई है। फूलों की घाटी नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व में आती है। यह जगह रंगीन और अविश्वसनीय फूलों जैसे गेंदा और ऑर्किड से भरी पड़ी है। इसके अलावा, इस क्षेत्र में पक्षियों, तितलियों और जानवरों को भी काफी अच्छी संख्या में देखा जा सकता है।
अक्टूबर तक खुली रहेगी घाटी
फूलों की घाटी एक जून से अक्तूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहेगी। घाटी दुर्लभ व हिमालयी वनस्पतियों से समृद्ध है। फूलों की 300 से अधिक प्रजातियां यहां पाईं जाती हैं, जिनमें एनीमोन, जेरेनियम, प्राइमुलस, ब्लू पोस्पी और ब्लूबेल शामिल हैं। यहां देखने के लिए सबसे खूबसूरत फूल ब्रह्म कमल है, जो उत्तराखंड का राज्य पुष्प भी है।
विश्व धरोहर है फूलों की घाटी
फूलों की घाटी ब्रिटिश पर्वतारोही व वनस्पति शास्त्री फ्रैंक एस स्मिथ की 1931 में की हुई आकस्मिक खोज थी। 2002 में इसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया था।
17 किलोमीटर लंबा ट्रेक
फूलों की घाटी में 17 किलोमीटर लंबा ट्रेक है, जो 10,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित घांघरिया से शुरू होता है। जोशीमठ के पास एक छोटी सी बस्ती गोविंदघाट से ट्रेक के जरिये पहुंचा जा सकता है। फूलों की घाटी में प्रवेश करने के लिए नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान की ओर से ऑफलाइन माध्यम से अनुमति दी जाती है।
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