December 24, 2024

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33 हजार से अधिक लोग वर्षों से खा रहे गरीबों का राशन

-अपात्र राशन कार्ड धारकों के खिलाफ राज्यभर में ‘अपात्र को न, पात्र को हां’ अभियान शुरू किया गया। अभियान के तहत जिस तरह के मामले सामने आए हैं वह चौंकाने वाले हैं। शनिवार तक 8312 परिवारों के कार्ड सरेंडर हुए हैं। 31 मई तक इन लोगों ने राशनकार्ड सरेंडर न किया तो संबंधित के खिलाफ मुकदमे व रिकवरी की कार्रवाई हो सकती है।

सरकारी राशन की दुकानों से गरीबों को मुफ्त व कम कीमत पर मिलने वाले राशन को 33 हजार से अधिक लोग अपात्र होते हुए भी वर्षों से खा रहे थे। हैरानी यह है कि इसमें शिक्षक, बैंक व सैन्यकर्मी, अच्छा खासा व्यवसाय करने वाले और पांच लाख या इससे भी अधिक की वार्षिक आय वाले आयकर दाताओं की भी अच्छी संख्या है।

विभाग को पिछले काफी समय से राशन कार्ड में गड़बड़ी की शिकायत मिलती रही। अब विभाग की ओर से इस तरह के लोगों खिलाफ पूरे राज्यभर में ‘अपात्र को न, पात्र को हां’ अभियान शुरू किया गया।

विभाग की ओर से चलाए गए अभियान के तहत अब तक जिस तरह के मामले सामने आए हैं वह चौंकाने वाले हैं। विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 5 लाख से अधिक की वार्षिक आय वाले 825 आयकरदाता भी सरकारी राशन की दुकानों से सस्ता राशन लेते मिले हैं। जिसमें सबसे अधिक 217 परिवारों के 868 लोग नैनीताल जिले के हैं। जबकि, दूसरे नंबर पर पिथौरागढ़ जिला है। इस जिले के 5 लाख या इससे अधिक की वार्षिक आय वाले 192 परिवार अपने कार्ड सरेंडर कर चुके हैं।

देहरादून में 187, टिहरी गढ़वाल में 81, हरिद्वार में 19, अल्मोड़ा में 33 सहित विभिन्न जिलों के कई आयकरदाताओं ने अपने राशन कार्ड सरेंडर किए हैं। जबकि, अंत्योदय के 491 और प्राथमिक परिवारों के 6996 राशन कार्ड सरेंडर हुए हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक जो लोग गलत तरीके से राशन ले रहे थे, उसमें सभी तरह के नौकरी पेशा और विभिन्न व्यवसाय से जुड़े लोग शामिल हैं। अभियान के तहत शनिवार तक 8312 परिवारों के कार्ड सरेंडर हुए हैं।

मुकदमे व रिकवरी की कार्रवाई

विभाग को टोल फ्री नंबर पर 50 से अधिक ऐसे लोगों की शिकायत मिली है जो अपात्र होने के बावजूद गरीबों को मिलने वाला राशन ले रहे हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक 31 मई तक इन लोगों ने राशनकार्ड सरेंडर न किया तो संबंधित के खिलाफ मुकदमे व रिकवरी की कार्रवाई हो सकती है।

सरकार गंभीर है, किसी भी अपात्र व्यक्ति को गरीबों को मिलने वाला राशन नहीं खाने दिया जाएगा। गरीबों के साथ न्याय हो इसे सुनिश्चित किया जाएगा।

– रेखा आर्य, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री

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