-सहकारिता बैंक भर्ती घोटाला मामले में महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य मंत्री के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। भारी संख्या में एकजुट हुई महिलाओं ने गेट खोलकर अंदर जाने की कोशिश की, जिस पर तैनात पुलिस बल ने उन्हें रोका।
(Uttarakhand Meemansa News) कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं ने बुधवार शाम को सहकारिता बैंक भर्ती घोटाले को लेकर कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत के यमुना कॉलोनी स्थित निवास का घेराव किया। महिला कार्यकर्ता मंत्री के खिलाफ नारेबाजी व प्रदर्शन करते हुए गेट तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश करती रही। मामला बढ़ता देख मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने कार्यकर्ताओं से ज्ञापन लिया।
प्रदेश में सहकारिता विभाग की ओर से जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता उजागर होने और जांच शुरू होने के बाद पहली गाज चार जिलों के जिला सहायक निबंधक (एआर) और चार महाप्रबंधकों (जीएम) पर गिरी है। चारों एआर और तीन महाप्रबंधकों का तबादला कर दिया गया है, जबकि डीसीबी देहरादून की महाप्रबंधक का सेवा विस्तार समाप्त कर दिया गया है।
सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत के निर्देश पर शासन ने इस मामले की जांच शुरू कराई है, जांच जारी है। जांच प्रभावित न हो, इसको देखते हुए शासन ने अफसरों को हटाया है। सचिव सहकारिता मीनाक्षी सुंदरम की ओर से जारी आदेश के अनुसार जिला सहकारी बैंक, देहरादून, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा और ऊधमसिंह नगर में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती में हुई अनियमितता के संबंध में कमेटी जांच कर रही है। जांच प्रभावित न हो, इसलिए संबंधित निबंधकों का तबादला किया है।
राज्य सचिवालय के मुख्य द्वार पर नारेबाजी व प्रदर्शन
इससे पहले कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सहकारिता में हुई भर्तियों को लेकर राज्य सचिवालय के मुख्य द्वार पर नारेबाजी व प्रदर्शन कर धरना दिया। कड़ी धूप में उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत व वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा भी धरने पर बैठे। गोदियाल ने नियुक्तियों में घोटाले का आरोप लगाया और सहकारिता मंत्री के इस्तीफे की मांग की।
उत्तराखंड की भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए निवर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। रोजगार के नाम पर युवाओं से उनके परिवार की खून-पसीने की कमाई डकारी जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य को-आपरेटिव बैंक में चतुर्थ श्रेणी के पदों की भर्ती में हुए भारी भ्रष्टाचार ने सरकार की कलई खोलकर रख दी है।
स्थानीय बेरोजगार नौजवानों के हक को मारा
गोदियाल ने कहा कि इससे पूर्व भी को-आपरेटिव बैंक में रिक्त पदों पर हुई भर्ती में भारी भ्रष्टाचार की नीयत से चयन परीक्षा उत्तराखंड के बजाय नोयडा में आयोजित कर स्थानीय बेरोजगार नौजवानों का हक मारा गया। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने स्वयं स्वीकार किया था कि सरकार में उगाही की खुली लूट मची हुई है, जिस पर लगाम लगाने की जरूरत है।
कांग्रेस का विरोध को राजनीति से प्रेरित
सहकारिता विभाग की ओर से जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्तियों में घोटाले के आरोप के बीच डीबीसी के निदेशकों ने सामने आकर कांग्रेस के विरोध को राजनीति से प्रेरित बताया था। आरोप लगाया कि कांग्रेस कार्यकाल में सहकारी बैंकों में बड़े पैमाने पर विभिन्न पदों पर बैकडोर से नियुक्तियां की गईं, उसकी भी जांच होनी चाहिए।
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