-उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलने का पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कथित बयान पर चर्चा खत्म नहीं हो पा रही है। जबकि, हरीश रावत कह चुके हैं कि उन्होंने ऐसा कोई बयान दिया ही नहीं था। उनके बयान की किसी अखबार की प्रति कोई लाए तो वह उसे इनाम देंगे।
(Uttarakhand Meemansa News)। उत्तराखंड में हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलने वाले कथित वादे की गूंज अब तक शांत नहीं हुई है। चुनाव में कांग्रेस को करारी हार मिली। भाजपा ने नई सरकार गठित भी कर ली। लेकिन, मुस्लिम यूनिवर्सिटी वाला मुद्दा अब भी जिंदा है।
दरअसल, उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार आने पर मुस्लिम यूनिवर्सिटी स्थापित करने का वादा मीडिया में आ गया। कहा गया कि हरीश रावत ने यह वादा किया है। इस बयान/वादे से कांग्रेस को चुनाव में भारी नुकसान हुआ। चुनाव के समय हरीश रावत इस पर मौन रहे। लेकिन, पार्टी और खुद की हार के बाद हरीश रावत ने साफ किया कि उन्होंने मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलने का कोई वादा कभी किया ही नहीं, न ही उन्होंने कभी ऐसा बयान दिया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों ने उनके नाम से उस मुद्दे को हवा दी। यह उन्हें चुनाव में हराने की चाल थी। उन्होंने कुछ दिन पहने व्यथित होकर कहा था कि उनका ऐसा कोई बयान यदि किसी अखबार को दिया है तो उसकी 10 लाने वाले को 50 हजार रुपया ईनाम देंगे। अब उन्होंने ईनाम की यह राशि बढ़ाकर एक रुपया कर दी है।
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