-चार राज्यों में धमाकेदार जीत हासिल वाली भारतीय जनता पार्टी ने शपथ ग्रहण को भव्य बनाकर कई मायनों में 2024 का एजेंडा सेट करने का काम किया। इस एजेंडे में सबसे ऊपर हिंदुत्व कार्ड है, जिसकी शुरुआत भाजपा ने देवभूमि से की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी से लेकर हिंदुत्व छवि वाले नेताओं की चहल-पहल रही। समारोह में शामिल होने से पहले सभी विधायकों, संगठन पदाधिकारियों ने सुबह मंदिरों में पूजा-अर्चना से भी सियासी संदेश दिया।
चार राज्यों में धमाकेदार जीत हासिल वाली भारतीय जनता पार्टी ने शपथ ग्रहण को भव्य बनाकर कई मायनों में 2024 का एजेंडा सेट करने का काम किया। इस एजेंडे में सबसे ऊपर हिंदुत्व कार्ड है, जिसकी शुरुआत भाजपा ने देवभूमि से की। राम मंदिर निर्माण शुरू होने के साथ भाजपा के लिए भले ही वह मुद्दा कुछ हल्का पड़ा हो। लेकिन, हिंदुत्व कार्ड आज भी चल रहा है। उत्तर-प्रदेश हो या उत्तराखंड, विधानसभा चुनाव में इसकी झलक देखने को मिली है।
संतों की मौजूदगी के सियासी मायने
परेड ग्राउंड में बुधवार को धामी का शपथ ग्रहण समारोह हो रहा था तो इसकी भव्यता और नेताओं व संतों की मौजूदगी के सियासी मायने भी निकाले जा रहे थे। इसे 2024 के आम चुनाव के लिए देवभूमि से हिंदुत्व की मजबूती से शुरुआत के तौर पर भी देखा जा रहा है। हरिद्वार से संत समाज को विशेष आमंत्रण देने के साथ ही ग्राउंड में उन्हें अलग से बैठने को एक मंच दिया गया था।
आकर्षण का केंद्र रहा शपथ ग्रहण समारोह का मंच
समारोह में मंच खास आकर्षण का केंद्र रहा। मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य-प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा से लेकर तमाम चेहरे ऐसे थे जो कि हिंदुत्व एजेंडे की सियासत को आगे बढ़ाने में अहम माने जाते हैं।
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