1 min read National Uttarakhand कवि/शाइर जीके पिपिल की गज़ल … मगर अभी भी कुछ बचे हुए सपने निगाह में हैं December 18, 2022 ukadmin जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ———————————————————– गज़ल माना कि आज हम अपनों से ठगे हुए...