राज्य में जिला पंचायत सदस्य की 358 सीटों में से 145 पर निर्दलीयों ने कब्जा जमाया। 121 सीटों पर भाजपा समर्थित और 92 सीटों पर कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी जीते।
उत्तराखंड मीमांसा न्यूज (ब्यूरो)। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सत्ताधारी भाजपा और विपक्ष के बीच निर्दलीयों ने जीत का डंका बजाया है। जिला पंचायत सदस्य के पदों पर जीतने वालों में सबसे बड़ी संख्या निर्दलीय प्रत्याशियों की उभरकर सामने आई।
बृहस्पतिवार से शुरू हुई मतगणना शुक्रवार को दोपहर में संपन्न हो गई। राज्य में जिला पंचायत सदस्य की 358 सीटों में से 145 पर निर्दलीयों ने कब्जा जमाया। 121 सीटों पर भाजपा समर्थित और 92 सीटों पर कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी जीते। 2019 के पंचायत चुनाव में भी भाजपा, कांग्रेस के मुकाबले निर्दलीयों ने ही बाजी मारी थी। तब निर्दलीय जीतने वाले प्रत्याशियों की संख्या करीब 150, भाजपा समर्थित प्रत्याशी करीब 125 और कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी करीब 88 जीते थे।
राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार प्रधान के 7,499, सदस्य क्षेत्र पंचायत के 2,974, सदस्य जिला पंचायत के 358 और सदस्य ग्राम पंचायत के 55,587 पदों को मिलाकर कुल 66,418 पदों के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी की थी। इनमें से 22,429 प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो गए थे। 32,907 पद रिक्त रह गए थे। 11,082 पदों के लिए दो चरणों में मतदान कराया गया था। इनके सापेक्ष 32,580 मैदान में थे।
उत्तराखंड की देवतुल्य जनता का आभार व्यक्त करता हूं। मानसून के मौसम में शांतिपूर्ण चुनाव हुआ। करीब 70 प्रतिशत लोगों ने मतदान में भाग लिया। चुनाव जीतकर बड़ी संख्या में आए भाजपा समर्थित के अलावा अन्य विचारधारा के प्रत्याशियों को भी बधाई देता हूं। सबकी जिम्मेदारी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प में अपना योगदान दें। ग्राम सभाएं विकसित होंगी तो भारत विकसित होगा। जल्द ही पंचायत प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण शिविर होगा। पंचायतों में स्वच्छता, आत्मनिर्भरता के साथ ही केंद्र व राज्य की योजनाओं का लाभ अंतिम छोर तक पहुंचे, हम सब मिलकर ये प्रयास करेंगे।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड सरकार
पंचायत चुनाव के परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आए हैं। ग्रामीण क्षेत्र की जनता ने भाजपा सरकार की विरोधी नीतियों के खिलाफ मतदान किया। पंचायत चुनाव नतीजे बताते हैं कि 2027 में कांग्रेस सत्ता में आएगी। भाजपा छल कपट व प्रलोभन के हथकंडे न अपनाए तो कई जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष कांग्रेस समर्थित बनेंगे।
करन माहरा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष
जिला पंचायत सदस्यों के जिलावार परिणाम


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