-नेहरू कालोनी में आज दोपहर करीब 12 बजे एक युवक स्कूल संचालक के घर में घुसा। उसके पीछे घर में तीन और बदमाश घुस गए। इसके बाद उन्होंने घर की महिलाओं को बंधक बनाकर लूट को अंजाम दिया।
देहरादून के पॉश इलाके नेहरू कॉलोनी के एक घर में चार सशस्त्र बदमाशों ने महिलाओं को बंधक बनाकर लूट को अंजाम दिया। बदमाशों ने हथियारों के बल पर महिलाओं से जेवर और नकदी लूट ली। घर के ऊपरी तल पर मौजूद महिला ने जब शोर मचाया और पुलिस को सूचना दी तो बदमाश वहां से भाग निकले। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की। पता चला कि बदमाश स्कूटर और मोटरसाइकिल पर हरिद्वार की तरफ भागे हैं। मामले में पुलिस ने लूट का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
वारदात नेहरू कॉलोनी सी ब्लॉक स्थित वीके अग्रवाल के घर हुई। अग्रवाल कुछ साल पहले एमडीडीए से सेवानिवृत्त हुए हैं। वर्तमान में वह डायलिसिस पर चल रहे हैं, घर में ही बिस्तर पर रहते हैं। उनके बेटे संदीप अग्रवाल क्षेत्र में ही सेंट एनी नाम का पब्लिक स्कूल चलाते हैं। संदीप रोज की तरह मंगलवार को भी स्कूल में थे। घर पर उनके पिता, मां सुनीता अग्रवाल, पत्नी निमिषा अग्रवाल और बहन रश्मि अग्रवाल थीं। निमिषा घर के ऊपरी हिस्से में थीं।
दोपहर करीब 12 बजे एक व्यक्ति ने उनका दरवाजा खोला और सीधे अंदर घुस गया। उसने तमंचे से सुनीता और रश्मि को डराकर बंधक बना लिया। उसके पीछे से एकाएक तीन और बदमाश अंदर आ घुसे। इन तीनों के हाथों में चाकू थे। बदमाशों ने महिलाओं को डराते हुए कीमती चीजें मांगी। दोनों मां बेटी बेहद डर गईं, सुनीता ने अपने हाथों से चार सोने के कड़े और कुंडल निकालकर बदमाशों को दे दिए। एक बदमाश ने रश्मि के हाथों से तीन अंगूठियां निकाल लीं। इसके बाद बदमाशों ने दोनों को कमरों में चलने के लिए कहा। वहां से उनके पर्स में रखे 12500 रुपये (सुनीता के 2500 और रश्मि के 10000 रुपये) भी ले लिए।
बदमाशों ने सबसे मोबाइल अपने पास रख लिए
बदमाशों ने सबसे पहले वहां मौजूद लोगों के मोबाइल अपने पास रख लिए थे। जाते वक्त एक बदमाश इन सभी मोबाइलों को ले जाने लगा। लेकिन, रश्मि ने बहादुरी दिखाते हुए घर से निकलते समय बदमाश के हाथ से मोबाइल छीन लिए। बदमाश घर में कुल नौ मिनट रहे। 12.07 पर घर में घुसे और 12.16 बजे वहां से भाग निकले। पुलिस इसी बीच के टावर लोकेशन के आधार पर मोबाइल नंबरों की जांच कर रही है। ताकि, क्षेत्र में आए नंबरों की जांच की जा सके।
बदमाश घर/परिवार के बारे में पहले से जानते थे
परिजनों ने पुलिस को जो बात बताई उससे लग रहा है कि बदमाश घर/परिवार के बारे में पहले से जानते थे। उन्होंने काफी रेकी भी की होगी। सुनीता अग्रवाल ने पुलिस को बताया कि बदमाश कह रहे थे कि हम भी आगरा से हैं, तुम्हें नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। अग्रवाल परिवार भी 1986 में आगरा से आकर देहरादून में बसा था।
निमिषा ने दिया सूझबूझ का परिचय
निमिषा ने बताया कि 12.07 बजे वह अपने दोस्त से बात कर रही थी। इसी बीच नीचे से आई आवाजों को सुना। उन्हें यह समझने में देर न लगी कि घर में बदमाश आ गए हैं। ऐसे में वह नीचे नहीं गई। उन्होंने सूझबूझ का परिचय दिया और खुद को कमरे में बंद कर लिया। उसने वहां से पहले अपने स्कूल के कर्मचारी गुड्डू को फोन किया। इसके बाद पति को। कुछ देर बाद ही वह बालकनी में आ गईं। यहां उन्होंने सड़क से गुजरते पुलिसकर्मी को देखा तो मदद की गुहार लगाई। पुलिसकर्मी अंदर आया। लेकिन तब तक बदमाश वहां से जा चुके थे।
लूट का मुकदमा नेहरू कॉलोनी थाने में दर्ज
निमिषा ने पुलिस को सूचना दी। इस पर एसपी सिटी सरिता डोबाल, सीओ सदर पंकज गैरोला आदि पहुंच गए। एसपी सिटी सरिता डोबाल ने बताया कि संदीप अग्रवाल की शिकायत पर लूट का मुकदमा नेहरू कॉलोनी थाने में दर्ज कर लिया गया है। एक सीसीटीवी कैमरे में बदमाश हरिद्वार की ओर जाते दिख रहे हैं। जल्द ही बदमाशों को गिरफ्तार किया जाएगा।
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