आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष आरबीएस रावत ने इस्तीफा दे दिया था। बाद में परीक्षा दिसंबर 2017 को रद्द हो गई। आयोग ने 25 फरवरी 2018 को दोबारा परीक्षा कराई थी। 2016 की परीक्षा में हुई गड़बड़ी का पर्दाफाश पिछले साल हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक के बाद हुआ।
ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ) भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के 7 साल बाद आरोपी अभ्यर्थियों पर कार्रवाई शुरू की जा रही है। आयोग ने 35 अभ्यर्थियों की सूची जारी कर उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा है। जवाब आने के बाद इन पर आयोग पांच साल का प्रतिबंध लगाएगा।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 6 मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ) के 196 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा कराई थी। भर्ती में ओएमआर शीट को दो सप्ताह तक गुप्त स्थान पर रखकर उसमें छेड़छाड़ के आरोप लगे थे। इसका परिणाम उसी साल 26 मार्च को जारी हुआ। दो सगे भाई टॉपर बन गए थे तो ऊधमसिंहनगर जिले के एक ही गांव के 20 से ज्यादा युवाओं का चयन हो गया था। मामले की जांच हुई थी। लेकिन, कार्रवाई नहीं हुई थी।
आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष आरबीएस रावत ने इस्तीफा दे दिया था। बाद में परीक्षा दिसंबर 2017 को रद्द हो गई। आयोग ने 25 फरवरी 2018 को दोबारा परीक्षा कराई थी। 2016 की परीक्षा में हुई गड़बड़ी का खुलासा पिछले साल हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक के बाद हुआ। फिर जांच हुई और आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष आरबीएस रावत, सचिव व परीक्षा नियंत्रक को जेल जाना पड़ा। अब गड़बड़ी करने वाले 35 अभ्यर्थियों पर आयोग ने शिकंजा कसा है। आयोग की वेबसाइट पर उनके नाम सार्वजनिक कर नोटिस जारी किया गया है। जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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