-जोशीमठ में उद्यान विभाग की जमीन पर पर मॉडल प्री फैब्रिकेटेड शेल्टर बनाने का जारी है।
सचिव आपदा प्रबन्धन डॉ रंजीत कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव व भूस्खलन के बाद राज्य सरकार के राहत, बचाव व पुनर्वास के काम की जानकारी मीडिया को दी। सचिवालय मीडिया सेंटर में उन्होंने बताया कि जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.36 करोड़ रुपये 224 प्रभावित भूस्वामियों को बांटे गए हैं। जबकि, 95 प्रभावित किरायेदारों को 47.50 लाख रुपए तत्काल राहत के रूप में बांटे गए हैं।
जोशीमठ में उद्यान विभाग की जमीन पर मॉडल प्री फैब्रिकेटेड शेल्टर बनाने का काम चल रहा है। यह काम जल्द पूरा होने की संभावना है। वहीं, ढाक गांव चमोली में प्री फैब्रिकेटेड ट्रांजिशन सेंटर के लिए भूमि विकास का काम जारी है। राहत की बात यह है कि सर्वेक्षण में दरारों वाले भवनों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हुई है।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने बताया कि जोशीमठ में शुरुआत में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 6 जनवरी को 540 एलपीएम. था, वर्तमान में घटकर 171 एलपीएम हो गया है।
अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 661 कक्ष हैं, जिनकी क्षमता 2957 लोगों की है। जबकि, पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं, जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 863 भवनों में दरारें मिली हैं। वहीं, गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 181 मकान असुरक्षित क्षेत्र में हैं। सुरक्षा को देखते हुए 250 परिवार अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 902 है। 39 प्रभावित परिवार रिश्तेदारों या किराए के घरों में चले गए हैं।
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