December 25, 2024

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जोशीमठ भू-धंसाव: 190 प्रभावित परिवारों को दी पौने तीन करोड़ रुपए की अन्तरिम राहत

सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 237 परिवार अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये है। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 800 है। वहीं, जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज 540 एलपीएम से घटकर 163 एलपीएम हो गया है।

आपदा प्रबन्धन सचिव डॉ रंजीत कुमार सिन्हा ने सोमवार को जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव व भूस्खलन के बाद राज्य सरकार की ओर से किये जा रहे राहत कार्य आदि की जानकारी मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 190 प्रभावित परिवारों को विस्थापन के लिए अग्रिम राशि के रूप मे 2.85 करोड़ रुपये की धनराशि बांट दी है। वहीं, राहत की बात है कि जोशीमठ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज 540 एलपीएम से घटकर 163 एलपीएम हो गया है।

आपदा प्रबन्धन ने सचिव बताया कि केंद्र सरकार के स्तर पर सीबीआरआई की ओर से मकानों में क्रेक मीटर लगाये गये है। 400 घरों की क्षति का आंकलन अब तक किया जा चुका है। वाडिया संस्थान ने 3 भूकम्पीय स्टेशन लगाये है, उनसे आंकड़े भी लिए जा रहे हैं। एनजीआईआर हाइड्रोलॉजिकल सर्वेक्षण का काम भी कर रहा है। सीबीआरआई, आईआईटी रुड़की, वाडिया इन्स्टीट्यूट, जीएसआई, आईआईआरएस जोशीमठ में काम कर रहे हैं।

प्रेसवार्ता में अपर सचिव आपदा प्रबन्धन, निदेशक उत्तराखण्ड भूस्खलन प्रबन्धन एवं न्यूनीकरण संस्थान, प्रभारी अधिकारी पीआईबी, निदेशक वाडिया संस्थान, निदेशक आईआईआरएस देहरादून, निदेशक एनआईएच व निदेशक आईआईटीआर मौजूद रहे।

जोशीमठ में 2190 और पीपलकोटी में 2205 लोगों के लिए राहत शिविर

आपदा प्रबन्धन सचिव ने बताया कि अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 615 कक्ष/कमरे है, उनकी क्षमता 2190 लोगों की है। जबकि, पीपलकोटी में 491 कक्ष/कमरे हैं, उनकी क्षमता 2205 लोगों की है। प्रभावितों को राहत राशि के तहत प्रति परिवार 5000 रुपये घरेलू राहत सामग्री के लिए दिए गए हैं। 73 लोगों को (कुल 3.65 लाख रुपये) राशि बांट दी गई है। वहीं, पूरी तरह क्षतिग्रस्त मकानों के 10 प्रभावितों को 13 लाख रुपये बांटे गए हैं। मकान किराये के लोग आवेदन कर रहे हैं।

237 परिवारों के 800 लोग अस्थायी विस्थापित

सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि अभी तक 849 मकानों में दरारें दिखी हैं। उनका सर्वेक्षण गतिमान है। गांधीनगर में एक, सिंहधार में दो, मनोहरबाग में 5, सुनील में 7 क्षेत्र/वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 165 मकान असुरक्षित क्षेत्र में हैं। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 237 परिवार अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये है। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 800 है।

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