–लोक निर्माण विभाग में गत मई में अयाज अहमद की विभागाध्यक्ष के पद पर पदोन्नति हुई थी। लेकिन, इसको लेकर विवाद हो गया। विभागीय मंत्री सतपाल महाराज का आरोप है कि निजी सचिव ने उन्हें घोखे में रखकर अयाज अहमद की फ़ाइल आगे बढाई। जबकि, अयाज अहमद के प्रमोशन वाली फाइल को आगे नहीं बढ़ाने के लिए कहा गया था। गत दिनों निजी सचिव और अयाज अहमद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष की पदोन्नति में हुए फर्जीवाड़े के मामले में मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यदि वे मुख्यमंत्री से नहीं कहते तो रिपोर्ट दर्ज नहीं होती। महाराज ने आरोप लगाया है कि उन्हें अंधेरे में रखकर उनके निजी सचिव ने विभागाध्यक्ष की पदोन्नति की ई-फाइल प्रमुख सचिव को भेज दी। इस मामले में मंत्री के पीआरओ की शिकायत पर पुलिस ने निजी सचिव और विभागाध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
सतपाल महाराज का कहना है कि मुख्यमंत्री के आदेश पर ही रिपोर्ट दर्ज हो पाई है। सचिवालय प्रशासन ने मामले की जांच की थी। लेकिन, उनसे पूछा ही नहीं गया। जब मंत्री ही कह रहा है कि उनके डिजिटल हस्ताक्षर के लिए किसी को अधिकृत नहीं किया है। अयाज अहमद के प्रमोशन वाली फाइल को आगे नहीं बढ़ाने के लिए कहा गया था। लेकिन, निजी सचिव ने अपनी मर्जी से फ़ाइल आगे बढाई।
महाराज ने कहा कि सचिवालय प्रशासन सिर्फ पूछताछ के आधार पर रिपोर्ट दे सकता है। लेकिन, पुलिस जांच से ही असलियत सामने आ सकती है। गौरतलब है कि महाराज के अनुरोध पर मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए थे। जिस पर सचिवालय प्रशासन ने जांच की। लेकिन, निजी सचिव को क्लीन चिट दे दी गई।
निजी सचिव के बचाव में उतरा सचिवालय संघ
उत्तराखंड सचिवालय संघ निजी सचिव के बचाव में खुलकर सामने आ गया है। संघ की ओर से कहा गया है कि सत्पाल महाराज ने पदोन्नति की फाइल पर ऑफलाइन आपत्ति दर्ज क्यों नहीं की। यदि वह ई-फाइल पर अनुमोदन के मामले में तत्कालीन निजी सचिव के रवैये से नाराज थे तो विभागाध्यक्ष के प्रमोशन की ऑफलाइन फाइल पर आपत्ति कर सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
रिपोर्ट आने से पहले मुकदमा दर्ज कराना उचित नहीं
सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी का कहना है कि विभागीय मंत्री ने पदोन्नति की फाइल देखी। लेकिन, उस पर कुछ नहीं लिखा। उन्होने कहा कि निजी सचिव को फंसाया जा रहा है। जबकि, सबसे बड़ी चूक यह है कि विभागीय मंत्री के नाम ई-फाइलिंग के लिए जो डिवाइस दी गई है, उसका प्रयोग होने पर उसी नंबर पर ओटीपी आएगा, जो पंजीकृत है। यह नंबर निजी सचिव का रजिस्टर्ड था, ऐसा क्यों? मामले की जांच हो रही है। रिपोर्ट आने से पहले मुकदमा दर्ज कराया जाना उचित नहीं है।
31 मार्च को सेवानिवृत्त होंगे अयाज अहमद
लोनिवि के विभागाध्यक्ष अयाज अहमद 31 मार्च 2023 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। उनकी पदोन्नति के लिए डीपीसी जनवरी 2022 में हुई थी। मई में पदोन्नति आदेश जारी हुए थे। तभी से पदोन्नति को लेकर विवाद चल रहा है।
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