-स्वास्थ्य मंत्री ने निर्माण व अन्य योजनाओं की समीक्षा बैठक में समय पर काम पूरा करने के निर्देश दिए। कहा, किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त, कार्यदायी संस्थाओं को भी चेतावनी
स्वास्थ्य विभाग के तहत संचालित केन्द्र पोषित योजनाओं को लेकर किसी तरह की हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं की जायेगी। जिन जनपदों में निर्माण व अन्य योजनाएं समय पर पूरी नहीं होगी। संबंधित मुख्य चिकित्साधिकारी जिम्मेदार माने जायेंगे। केन्द्र पोषित योजनाओं की मॉनिटरिंग महानिदेशालय स्तर जायेगी। समय पर यूसी न देने वाली कार्यदायी संस्थाओं के खिलाफ भी एक्शन लिया जायेगा।
चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य महानिदेशालय में आयोजित विभाग की समीक्षा बैठक में केन्द्र पोषित योजनाओं का समय पर क्रियान्वयन के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने एनएचएम सहित विभिन्न योजनाओं के लिए धनराशि स्वीकृत की है। जिसका काम समय पर करना जरूरी है। जनपद स्तर के निर्माण कार्यों व अन्य योजनाओं के संचालन की जिम्मेदारी संबंधित सीएमओ की होगी। साथ ही महानिदेशालय स्तर पर भी विभिन्न कार्यों को समय पूरा करने व केंद्र सरकार को यूसी भेजने का जिम्मा नोडल अधिकारियों का होगा। दायित्वों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी को बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने विभागीय कार्यों में लगे कार्यदायी संस्थाओं को भी दो टूक शब्दों में कहा कि समय पर यूसी उपलब्ध न कराने के स्थिति में उनके विरूद्ध भी कार्रवाई होगी।
डॉ रावत ने विभिन्न जनपदों में स्वीकृत क्रीटिकल केयर ब्लॉक (सीसीबी) के निर्माण में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि एक सप्ताह के भीतर संबंधित योजनाओं की डीपीआर स्वीकृत कर कार्यदायी संस्थाओं को धनराशि जारी की जाय। आईपीएचएस मानकों के अनुसार सभी सरकारी अस्पतालों में पदों की जरूरत को देखते हुये प्रस्ताव शासन को उपलब्ध करायें। डॉ रावत ने कहा की मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में प्राप्त निर्देशों पर जल्द कार्रवाई की जाय। क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट, डार्क रूम असिस्टेंट सहित अन्य प्रस्तावों को कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाय। उन्होंने खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अंतर्गत औषधि निरीक्षक व खाद्य संरक्षा निरीक्षक सहित सभी खली पदों को तत्काल प्रतिनियुक्ति/सेवा स्थानांतरण के तहत भरने के निर्देश दिये।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उक्त पदों को राज्य लोक सेवा आयोग से भरने में अधिक समय लगने की सम्भावना है। बैठक में टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत नि-क्षय मित्र योजना की भी समीक्षा की गई। जिसमें हरिद्वार, देहरादून, अल्मोड़ा आदि जनपदों के अधिकारियों को कार्य की प्रगति में तेजी लाने के निर्देश दिये गये।
बैठक में प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ आर. राजेश कुमार, अपर सचिव अरूणेन्द्र चौहान, गरिमा रौंकली, प्रभारी महानिदेशक डॉ विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ आशुतोष सयाना, निदेशक एनएचएम डॉ सरोज नैथानी, डॉ भागीरथी जंगपांगी, औषधि नियंत्रक ताजबर नेगी, उपायुक्त खाद्य संरक्षा जीसी कंडवाल, डॉ पंकज सिंह सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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