January 11, 2025

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प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ में हो रहे काम की जानकारी ली, मुख्यमंत्री व अधिकारियों को दिए टिप्स

-मोदी ने कहा, केदारनाथ निकटवर्ती स्थान भी आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने होंगे। बद्रीनाथ के साथ ही आस-पास के क्षेत्रों को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए भी योजना बनाई जाए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को वर्चुअल माध्यम से बद्रीनाथ व केदारनाथ में चल रहे पुनर्निमाण कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय से इस बैठक में वर्चुअल प्रतिभाग किया।

प्रधानमंत्री ने बद्रीनाथ व केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की पूरी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में केदारनाथ व बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ेगी। केदारनाथ निकटवर्ती स्थान भी आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने होंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए आस-पास के एरिया के डेवलपमेंट की दिशा में प्रयास करने होंगे। रामबाड़ा और केदारनाथ के बीच श्रद्धालुओं को ठहरने व कौन सी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो सकती हैं, इस ओर भी ध्यान दिया जाए।
बद्रीनाथ के साथ ही आस-पास के क्षेत्रों को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए भी योजना बनाई जाए।

इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु, विशेष कार्याधिकारी पर्यटन विभाग भाष्कर खुल्बे, सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे, सचिव संस्कृति भारत सरकार गोविन्द मोहन, संयुक्त सचिव भारत सरकार रोहित यादव, उप सचिव भारत सरकार मंगेश घिल्डियाल भी उपस्थित थे।

बद्रीनाथ के आस-पास के क्षेत्रों को विकसित करने को बनाएं योजना

प्रधानमंत्री ने कहा कि वासुकिताल, गरूड़ चट्टी, लिंचोली और उनके आस-पास श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक दृष्टि से क्या किया जा सकता है। इसका पूरा प्लान तैयार किया जाए। बद्रीनाथ के साथ ही आस-पास के क्षेत्रों को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए भी योजना बनाई जाए। माणा गांव व उसके आस-पास के क्षेत्रों को रूरल टूरिज्म के लिए विकसित करने की दिशा में भी ध्यान दिया जाए। इनमें स्थानीय कल्चर व स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर ईकोनॉमी का अच्छा मॉडल बनाया जा सकता है। केदारनाथ व बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए सेवकों व डॉक्टरों से भी सहयोग लिया जाए। सरकारी व्यवस्थाओं के साथ जन सहयोग भी जरूरी है।

दिसम्बर 2023 तक सभी काम पूरा करने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में बद्रीनाथ व केदारनाथ में पुनर्निमाण के कार्य तेजी से चल रहे हैं। रात-दिन कार्य प्रगति पर है। दिसम्बर 2023 तक सभी काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस साल अभी तक 35 लाख से अधिक पंजीकृत श्रद्धालु चारधाम यात्रा में आ चुके हैं।

मुख्य सचिव सन्धु ने गिनाए पुनर्निर्माण के काम

मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु ने केदारनाथ व बद्रीनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों का प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने कहा कि केदारनाथ में प्रथम चरण के पुननिर्माण के काम पूरे हो चुके हैं। द्वितीय चरण में 188 करोड़ रुपए के 21 काम हो रहे हैं। जिनमें से तीन पूरे भी हो चुके हैं। 6 काम दिसंबर तक पूरे हो जायेंगे। बाकी 12 काम जुलाई 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है। गौरीकुण्ड में गेट का निर्माण हो चुका है। संगम घाट का काम जून 2023 तक पूरा किया जायेगा। ईशानेश्वर मन्दिर का काम भी एक महीने में पूरा हो जायेगा। मास्टर प्लान के अनुसार सभी काम दिसम्बर 2023 तक पूरे किए जायेंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि बद्रीनाथ में भी मास्टर प्लान के अनुसार तेजी से काम हो रहे हैं। शीश नेत्र लेक व बद्रीश लेक का कार्य तीन महीने में पूरा हो जायेगा। रिवर डेवलपमेंट प्रोजक्ट का काम जून 2023 तक पूरा हो जायेगा।

केदारनाथ में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय करेगा चार काम

केंद्रीय संस्कृति सचिव गोविन्द मोहन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि केदारनाथ के लिए संस्कृति मंत्रालय के तहत चार तरह के काम होने हैं। सोनप्रयाग में ओरिएंटेशन सेंटर की स्थापना, रामबाड़ा, छोटी लिंचोली, बड़ी लिंचोली व चन्नी कैंप में चिन्तन स्थल (ध्यान स्थल), केदारनाथ में शिव उद्यान व केदार गाथा म्यूजियम का निर्माण किया जायेगा। इन सभी काम की पूरी योजना बनाकर तैयारी कर ली गई है।

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