भगवद चिन्तन … श्रावण मास शिव तत्व
भगवान शिव की आराधना के पवित्र श्रावण मास में चिन्तन करें कि शिवजी की सवारी नंदी (बैल) का क्या अभिप्राय है? बैल अर्थात धर्म। बैल धर्म का स्वरूप है। बैल की सवारी करना अर्थात प्रत्येक कर्म धर्मानुसार करना।
जिस मनुष्य के जीवन में धर्म नहीं वह साधन सम्पन्न रहने पर भी दुखी रहता है। जहाँ धर्म रूपी साधना है, वहाँ साधनों के अभाव में भी सुख और शांति है। प्रसन्नता भीतर की स्थिति है। धर्माचरण करने से नव संकल्पों का सृजन होता है और भीतर तृप्ति बनी रहती है।
महादेव प्रत्येक क्षण इसलिए प्रसन्न नहीं रहते कि उनके पास साधन हैं। बल्क, इसलिए प्रसन्न रहते हैं कि उनके पास धर्म रूपी साधना है। शिव धर्म पर सवार हैं इसीलिए वो महादेव हैं। हमें ये समझना होगा कि सुख धन से नहीं धर्म से ही प्राप्त होगा।
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