भगवद चिन्तन … समय
समय मूल्यवान और बहुमूल्य नहीं, वह तो अमूल्य है। हमारे पूरे जीवनभर की कमाई भी समय के एक क्षण को नहीं खरीद पायेगी फिर समय का दुरुपयोग किसलिए है?
व्यस्तता हो अवश्य, मगर वह सृजनात्मक, जनात्मक कार्यों में हो, रचनात्मक कार्यों में हो तभी समय का सदुपयोग समझा जायेगा। समय किसी के साथ नहीं चलता। हमें ही इसके साथ चलना पड़ेगा। एक बात और समय किसी के लिए रुकता भी नही।
अत: समय अमूल्य है, हर क्षण घट रहा है। यह आज है कल नहीं, अभी है फिर नहीं। इसलिए समय के महत्व को विशेष रूप से समझा जाये और अपने जीवन को अच्छे कार्यों, श्रेष्ठ कार्यों में लगाया जाये। समय का सदुपयोग बुद्धिमत्ता है और समय का दुरुपयोग बहुत बड़ी मूर्खता।
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