December 24, 2024

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बारात में न ले जाने पर दोस्त को थमाया 50 लाख रुपए का नोटिस

-दूल्हा कार्ड में दिए समय से पहले ही बारात लेकर चला गया। दोस्त/अन्य बराती जब पहुंचे तो बरात रवाना हो चुकी थी। दोस्त ने दूल्हे से फोन पर बात की तो उसने अपनी गलती मानने के बजाय वापस चले जाने की बात कही। इसके बाद चंद्रशेखर ने अपने एडवोकेट अरुण भदोरिया के माध्यम से कानूनी नोटिस रवि को भिजवाया है कि तीन दिन के अंदर मानहानि की बाबत सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना करें और 50 लाख हर्जाना भरे।

(Uttarakhand Meemansa News)। कार्ड देकर शादी में बुलाने के बावजूद बरात में न ले जाने पर एक दोस्त ने दूसरे दोस्त पर 50 लाख रुपये का दावा ठोक दिया। सुनने में बात अजीब है। लेकिन, बात सौ फीसदी सच है।

आरोप है कि दूल्हा कार्ड में दिए समय से पहले ही बारात लेकर चला गया। दोस्त/अन्य बराती जब पहुंचे तो बरात रवाना हो चुकी थी। दोस्त ने दूल्हे से फोन पर बात की तो उसने अपनी गलती मानने के बजाय वापस चले जाने की बात कही। इसके बाद मौके पर खड़े बरातियों ने शादी के कार्ड बांटने वाले दोस्त को खरी-खोटी सुनाई। लोगों की खरी-खोटी दोस्त के दिल पर लग गई। दोस्त के व्यवहार और लोगों की दी मानसिक प्रताड़ना से आहत दोस्त ने अधिवक्ता अरुण भदौरिया के माध्यम से दूल्हे को नोटिस भेजकर तीन दिन के भीतर माफी मांगने व हर्जाने के तौर पर 50 लाख रुपये देने की मांग की है। ऐसा न होने पर मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी दी गई है।

अधिवक्ता अरुण कुमार भदौरिया ने बताया कि रवि पुत्र वीरेंद्र निवासी आराध्या कॉलोनी बहादराबाद की शादी अंजू धामपुर जिला बिजनौर के साथ 23 जून में होनी तय थी। दूल्हे रवि ने अपने दोस्त चंद्रशेखर पुत्र स्वर्गीय मुसद्दीलाल निवासी देवनगर कनखल को एक लिस्ट बनाकर दी कि वह शादी के कार्ड बांटेगा। रवि के कहने पर चंद्रशेखर ने मोना, काका, सोनू, कन्हैया, छोटू, आकाश आदि लोगों को कार्ड बांटे और 23 जून की शाम 5 बजे शादी में पहुंचने का आग्रह किया। सभी लोग चंद्रशेखर के साथ शाम को 4:50 पर निर्धारित जगह पर पहुंच गए। लेकिन, वहां जाकर पता चला कि बरात निकल चुकी है। चंद्रशेखर ने रवि से जानकारी ली, तो रवि ने बताया कि हम लोग जा चुके हैं और आप लोग वापस चले जाओ।

चंद्रशेखर का कहना है कि उसके कहने पर जो लोग शादी में जाने के लिए आए थे, उन सभी को दुख पहुंचा और सभी ने चंद्रशेखर को अत्यधिक मानसिक प्रताड़ना पहुंचाई। आरोप है कि उसने चंद्रशेखर की छवि खराब की। चंद्रशेखर ने रवि को फोन पर मानहानि के संबंध में सूचना दी। लेकिन, उसने न तो खेद जताया और न ही माफी मांगी। चंद्रशेखर ने अपने एडवोकेट अरुण भदोरिया के माध्यम से कानूनी नोटिस रवि को भिजवाया है कि तीन दिन के अंदर मानहानि की बाबत सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना करें और 50 लाख हर्जाना भरे।

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