-उत्तराखंड में आय से अधिक संपत्ति जमा करने के आरोपी आईएएस अधिकारी राम विलास यादव को गुरुवार को सतर्कता विभाग ने गिरफ्तार कर लिया। जांच में उनकी संपत्ति आय से करीब 500 गुना से ज्यादा पाई गई। यादव उत्तराखंड में समाज कल्याण विभाग में अपर सचिव पद पर तैनात थे।
(Uttarakhand Meemansa News)। भ्रष्टाचार के साक्ष्य मिलने और लंबी पूछताछ के दौरान संतोषजनक जवाब हासिल न होने के बाद आईएएस अधिकारी राम विलास यादव को बुधवार देर रात करीब सवा दो बजे गिरफ्तार कर लिया गया। अपर पुलिस महानिदेशक (सतर्कता) अमित सिन्हा ने बताया कि मई में दर्ज मामले की प्राथमिक जांच के दौरान यादव के पास आय से 522 फीसदी अधिक संपत्ति होने की जानकारी मिली थी। जांच में भ्रष्टाचार में यादव की संलिप्तता को लेकर कई दस्तावेज और साक्ष्य मिले थे, जिनके आधार पर उनके घर पर दबिश दी थी और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था।
पूछताछ में यादव सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारी उत्तर प्रदेश के लखनऊ में दिलकश विहार स्थित विद्यालय, नोएडा में क्रय भूमि की रजिस्ट्री, गाजीपुर जिले में 10 बीघा जमीन, सावधि जमा और अन्य खातों में जमा धनराशि, पारिवारिक सदस्यों के बैंक खातों में जमा धनराशि व पारिवारिक खर्चों के बारे में न तो कोई संतोषजनक जवाब दे पाए और न ही कोई अभिलेख प्रस्तुत कर सके।
आय और व्यय में अंतर का कारण स्पष्ट नहीं कर पाए यादव
अब तक जांच में उपलब्ध अभिलेखों व यादव से पूछताछ के आधार पर उनकी कुल वार्षिक आय 50 लाख 48 हजार 204 रुपये व व्यय तीन करोड 12 लाख 37 हजार 756 रुपये होना पाया गया है, जो अनुपात में नहीं है। आरोपी अधिकारी आय और व्यय की इस रकम में अंतर का कारण स्पष्ट नहीं कर पाए। इससे पहले, सतर्कता विभाग द्वारा यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में चल रही जांच में उनके सहयोग न करने व आरोपों की गंभीरता को देखते हुए बुधवार को उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था।
अदालत ने यादव को नहीं दी राहत
गिरफ्तारी से बचने के लिए यादव ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। अदालत ने यादव को राहत न देते हुए उन्हें सतर्कता विभाग के समक्ष बयान दर्ज कराने का आदेश दिया था। इसी क्रम में वह बुधवार को सतर्कता विभाग के समक्ष पूछताछ के लिए पेश हुए थे।
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